कपिल देव का बड़ा बयान, ‘विराट कोहली से अगर हम कोच पद के लिए राय लेते तो पूरी टीम…’

मुंबई: खिलाड़ियों के साथ परिचय और मौजूदा भारतीय क्रिकेट टीम के प्रति समझ ने ही रवि शास्त्री (Ravi Shastri) को दोबारा से टीम का मुख्य कोच बनने में बड़ी भूमिका अदा की है. शास्त्री 2021 में होने वाले टी-20 विश्व कप तक टीम के मुख्य कोच बने रहेंगे. शास्त्री इस समय टीम के साथ विंडीज दौरे पर हैं. उन्होंने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए सीएसी के समक्ष इंटरव्यू दिया. शास्त्री ने इस रेस में ऑस्ट्रेलिया के टॉम मूडी और न्यूजीलैंड के माइक हेसन को पीछे किया है. कपिल ने हालांकि इस बात से साफ मना कर दिया कि इस मसले पर कप्तान विराट कोहली से राय ली गई है.

कपिल देव, अंशुमन गायकवाड़ और शांता रंगास्वामी की तीन सदस्यीय क्रिकेट सलाहकार समिति (सीएसी) ने शास्त्री को भारतीय पुरुष टीम के मुख्य कोच पद पर बरकरार रखा है.
उन्होंने कहा, "एक आस्ट्रेलिया के (टॉम मूडी) थे, इसीलिए हमें इतने समय की जरूरत थी. प्रणाली बहुत सरल थी. हमारे पास खुद का आकलन था. मैंने उनसे या उनके (सीएसी सह-सदस्यों) से यह नहीं पूछा कि प्रत्येक उम्मीदवार को हम क्या अंक दे रहे थे."
कपिल ने कहा, "हमने सभी खातों और संख्याओं को भरने के बाद सर्वसम्मति से निर्णय लिया, इसलिए हमें थोड़ा समय लगा. नंबर तीन पर टॉम मूडी, नंबर दो पर न्यूजीलैंड के माइक हेसन हैं और फिर नंबर एक पर रवि शास्त्री है, जिसकी आप सब को उम्मीद थी."
यह पूछे जाने पर कि किस वजह से शास्त्री को दोबारा कोच चुना गया, कपिल ने कहा, "मुझे लगा कि उनके पास बातचीत करने का अधिक कौशल है. उन्हें शायद ऐसा महसूस नहीं हुआ होगा. हमने चर्चा नहीं की. हमें मार्कशीट दी गई थी और हमने उनके नंबर को देखने तथा उनका प्रेंजेटेशन सुनने के बाद उन्हें नंबर दिए."
उन्होंने कहा, "उन्होंने हमें प्वाइंट सिस्टम दिया था. हमें 100 में से नंबर देना था और देखना था कि कौन सा कोच कितने अंक का हकदार है. चार-पांच मापदंड थे और सभी को अंक दिया गया. हमने इस बात की भी चर्चा नहीं की कि कौन कितने अंक दे रहा है. फिर हमने आकलन किया और पाया कि यह एक बहुत ही करीबी दौड़ थी जो मैं आपको बता सकता हूं. कम ही नंबर का फर्क था और हम भी इससे चौंकन्ने थे."
सीएसी के एक और सदस्य अंशुमान ने शास्त्री को चुनने की वजह बताते हुए कहा, "वह पहले से ही टीम के बारे में जानते हैं, वह टीम के खिलाड़ियों को बेहतर तरीके से जानते हैं. वह जानते हैं कि टीम में क्या समस्याएं हैं और उन्हें दूर कैसे करना है. वह टीम के सिस्टम को भी जानते हैं. वहीं अगर दूसरा होता तो उसे दोबारा से शुरू करना पड़ता. इसलिए हमें लगा कि उन्हें बरकरार रखना ही सही होगा."
 

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