कभी सफल नहीं होगा सुभासपा विधायकों को तोड़ने का मंसूबा : राजभर

लखनऊ। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) अध्यक्ष और योगी सरकार के बर्खास्त मंत्री ओमप्रकाश राजभर का बंगला राज्य संपत्ति विभाग ने निरस्त कर दिया है। इसके बाद संपत्ति विभाग ने उन्हें विधायक के रूप में दारुलशफा में आवास आवंटित किया है। इस बीच राजभर ने अपनी अगली रणनीति के लिए एक जून को संगठन की बैठक बुलाई है। मंत्री पद गंवाने के बाद राजभर के तेवर और तीखे हो गए हैं। उन्होंने भाजपा सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने एक जून को अपने संगठन की बैठक बुलाई है। इसमें राजभर अपनी आगे की रणनीति तय करेंगे।
सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के तीन विधायकों के भाजपा में शामिल होने की खबर के बाद सुभासपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने ट्वीट कर कहा भाजपा इस कोशिश में कामयाब नहीं हो पाएगी। उन्होंने दावा किया हमारे तीनों विधायक त्रिवेणी राम, कैलाशनाथ सोनकर और रामानंद बौद्ध सुभासपा के साथ मजबूती से खड़े हैं। हम सब लोग संघर्षों के साथी है। भाजपा कितनी भी कोशिश कर लेस, हमें तोड़ने के उसके मंसूबे कभी कामयाब नहीं होंगे। ज्ञात हो कि सन 2002 में बसपा से अलग होकर सुभासपा का गठन करने वाले राजभर सन 2017 में पहली बार विधानसभा पहुंचे थे और मंत्री बने। राजभर के साथ उनकी पार्टी के तीन सदस्य भी जीतकर विधानसभा पहुंचे हैं। सन 2017 के विधानसभा चुनाव में सुभासपा ने भाजपा के साथ मिलकर आठ सीटों पर चुनाव लड़ा था। राजभर खुद गाजीपुर की जहूराबाद सीट से चुनाव जीते थे। त्रिवेणी राम भी इसी जिले की जखनिया और कैलाशनाथ सोनकर वाराणसी की अजगरा और रामानंद बौद्ध कुशीनगर की रामकोला सीट से चुनाव जीत कर विधानसभा पहुंचे।

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