कश्मीर को सीरिया में तब्दील ना होने देना ही हमारी सबसे बड़ी चुनौती: नए वार्ताकार

नई दिल्ली.जम्मू-कश्मीर में बातचीत के लिए अप्वाइंट किए गए नए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा का कहना है कि घाटी में मेरा मिशन शांति वापस लाना है। शर्मा ने कहा, "कश्मीर में हमारा सबसे बड़ा चैलेंज कश्मीरी यूथ को उग्रवादी होने से रोकना और घाटी को सीरिया में तब्दील ना होने देना है। यही हमारी प्राथमिकता है।' बता दें कि शर्मा को केंद्र ने कश्मीर का वार्ताकार अप्वाइंट किया गया है। वे इंटेलिजेंस ब्यूरो के चीफ भी रह चुके हैं।

कश्मीर पर क्या बोले नए वार्ताकार दिनेश्वर शर्मा

1) रिक्शावाले से भी बातचीत को तैयार

– एक न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में शर्मा ने कहा, "हमारा मिशन हिंसा को खत्म करना और शांति कायम करना है। अगर इसमें रिक्शावाला या बैलगाड़ी खींचने वाला भी मदद कर सकता है तो हम उससे भी बातचीत करेंगे। जल्द से जल्द शांति स्थापित करने के लिए हम किसी से भी बात करेंगे।"

2) जो रास्ता कश्मीरियों ने चुना, वो समाज को तबाह कर देगा

– "मुझे ये देखकर दुख होता है कि कश्मीरियों खासकर युवाओं ने जो रास्ता चुना है, वो केवल समाज को बर्बाद ही करेगा। मैं इसका दर्द महसूस करता हूं और कभी-कभी भावुक भी हो जाता हूं। मैं चाहता हूं कि इस तरह की हिंसा जल्द से जल्द खत्म हो और सभी की ओर से खत्म हो।"

3) बुरहान वानी जैसे युवाओं ने खिलाफत की बात की

– "जाकिर मूसा और बुरहान वानी जैसे कश्मीरी युवा तब हाईलाइट होने लगे जब उन्होंने खिलाफत की बातें की। कश्मीर के युवा जिस रास्ते पर चल रहे हैं, वही कश्मीरी समाज को खत्म कर देगा। मैं कश्मीर के लोगों के लिए परेशान हूं। अगर इन सारी चीजों ने जोर पकड़ा तो यहां यमन, सीरिया और लीबिया जैसे हालात हो जाएंगे। लोग कई ग्रुप्स में लड़ाई करना शुरू कर देंगे। हम सबकी कोशिश होनी चाहिए कि कश्मीिरयों की परेशानी खत्म हो जाए।"

4) आजादी के नाम पर भविष्य को खराब कर रहे हैं युवा

– शर्मा ने कहा, "मुझे कश्मीरी युवाओं से बातचीत कर उन्हें ये बताना होगा कि जिसे वो आजादी कह रहे हैं, उसके नाम पर वे सभी कश्मीरियों और अपना भविष्य खराब कर रहे हैं। आपके पास पाकिस्तान, लीबिया और यमन जैसे उदाहरण है, जहां ऐसी चीजें चल रही हैं। ये दुनिया की सबसे ज्यादा हिंसा प्रभावित जगहें हैं।"

5) शांति में यकीन करने वाले हर शख्स से बात करेंगे

– "हम हर किसी से बातचीत के रास्ते खुले रखेंगे। जो भी शांति में विश्वास करता है और मुझे इस बारे में कोई आइडिया देना चाहता है तो मैं उसे सुनूंगा। वो कोई स्टूडेंट हो सकता है, युवा हो सकता है, रिक्शावाला हो सकता है, ठेला खींचने वाला भी हो सकता है। अगर आइडिया अच्छा है तो मैं उस पर अमल करूंगा।

दिनेश्वर शर्मा ने हिज्बुल कमांडर को बेटी-बेटे से मिलवाया था

– शर्मा ने 2003 से 2005 IB की इस्लामिक टेररिज्म डेस्क को लीड किया था। उन्हें आतंकियों के साथ दोस्ताना रिश्ते बनाने के लिए जाना जाता है। कश्मीर में 1992 से 1994 के बीच काम करते वक्त शर्मा ने तब के हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर मास्टर अहसान डार को 1993 में अरेस्ट किया था। तब वो हिजबुल चीफ सैयद सलाहुद्दीन से अलग हो गया था। 

– शर्मा ने बताया कि किस तरह से जेल में बंद डार ने अपनी बेटी और बेटे से मिलने की बात कही थी। इसके बाद शर्मा ने डार को उसके बेटी-बेटे से मिलवाया था।

7 साल बाद बातचीत की पहल

– सरकार ने 7 साल बाद कश्मीर में बातचीत की पहल शुरू की है। इससे पहले 2010 में यूपीए ने तीन वार्ताकारों को अप्वाइंट किया था। 

– केन्द्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सोमवार को कहा- "मोदी सरकार कश्मीर में बातचीत के जरिए समस्या का हल ढूंढेगी। सरकार ने पूर्व IB डायरेक्टर दिनेश्वर शर्मा को रिप्रेजेंटेटिव बनाया है।"

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