कहीं आपकी गलतियां तो नहीं कर रही आपको कंगाल

आधुनिक युग में लोग बहुत स्मार्ट हो गए हैं, वह कोई भी निर्णय दिल से लेने की बजाय दिमाग से लेते हैं। उसके लिए वो साम, दाम, दंड और भेद की नीति अपनाते हैं। यह मार्ग सफलता पाने का शार्टकट जरूर हो सकता है लेकिन स्थाई सुख कभी नहीं देता। ईमानदारी से कर्म करें, यह लाइफलॉग सफलता की पूंजी है। अपने अंदर की शक्तियों को पहचानें और अपने व्यक्तित्व में बदलाव लाएं। ऐसा न हो की आपकी गलतियां आपको कंगाल बना दें। राशि के अनुसार लाएं स्वयं में बदलाव


मेष : यदि आपकी मेष राशि है तो आपको शीघ्र क्रोध, अचानक विचारों में परिवर्तन, अनियंत्रण, अंधभक्ति से बचना चाहिए।


वृष : इस राशि के जातकों को आलस्य, स्वार्थ व कामुकता, भौतिकवादी, क्रोध आदि से बचना चाहिए। ये सभी आदतें आपकी छवि को बिगाड़ सकती हैं।


मिथुन : आपको वाचालता, विविधता, दो काम एक साथ करने की आदत, एकाग्रता का अभाव, शीघ्र निर्णय की कमी, किसी चीज का शीघ्र परिणाम जानने की चिंता नुक्सान दे सकती है।


कर्क : आपको अहं, खुशामद, आत्मप्रशंसा, दूसरों पर छाने की प्रवृत्ति, क्रोध, अपने को अधिक समझदार समझना, अधीनता स्वीकार न करना, जिद्दी प्रवृत्ति से बचना चाहिए।


सिंह : इस राशि के जातकों को चुगलखोरी, झूठ और अतिरिक्त चतुराई दिखाने तथा कमीशन खोरी से बचना चाहिए।


कन्या : दूसरों में कमी निकालना, आलोचना करना, अधीरता, संदेह, अत्यधिक विश्लेषण करना, अनावश्यक धन व्यय करने से बचना चाहिए।


तुला : आपको कई बार शीघ्र निर्णय न करने पर हानि, स्त्री पक्ष का अधिक हित सोचने से गलतफहमी, सौंदर्य पर अधिक व्यय, त्यागी प्रवृत्ति नुक्सानदेह होगी, इनसे बचना चाहिए।


वृश्चिक : यदि आपकी वृश्चिक राशि है तो आपको क्रोध, प्रतिशोध व व्यंग्यात्मक आलोचना, अवसरवादिता व आत्म प्रशंसा से बचना चाहिए।


धनु : आप वाचालता और लगातार संभाषण से बचें। आपको कठोर व व्यंग्य वचन बोल कर किसी को अपमानित करने से बचना चाहिए।


मकर : यदि आपकी मकर राशि है तो आपको आत्मप्रशंसा, दिखावा और भावहीनता, स्वार्थपरता, अधीरता, अधिक और अनर्गल बोलने से अपर्कीत का सामना करना पड़ सकता है।


कुंभ : इन जातकों को अपने स्वभाव में परिवर्तन करना आवश्यक है। ये सक्रियता एवं शीघ्रता विकसित करें, एकांतवास, उदासी एवं निराशा से बचें। आप जिन्हें पसंद नहीं करते, उनके प्रति कठोर न बनें।


मीन : यदि आपकी मीन राशि है तो आपको अनिश्चित विचार और अदृढ़ संकल्प में पड़ कर बहुत सा समय हाथ से निकलने की आदत तथा अपव्यय से बचना चाहिए। साथ ही प्रसिद्धि व यश को बरकरार रखने के लिए भावनाओं में बहने से बचना चाहिए।

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