कानपुर में मवेशियों की चर्बी से बन रहा था घी?

कानपुर
कानपुर के चकेरी की केडीए कॉलोनी में एक प्लॉट में मवेशियों के ढेरों अवशेष, चर्बी से भरी कढ़ाई और बुलडोजर बरामद होने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने हंगामा किया। उनका आरोप था कि जाजमऊ चौकी इंचार्ज की सरपरस्ती में गायों की चर्बी गलाकर अवैध रूप से घी बनाने का काम किया जा रहा है। घटना की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची। कैंट के सीओ के अनुसार, प्लॉट मालिक के खिलाफ रिपोर्ट लिखी जा रही है।

बताया जा रहा है कि केडीए कॉलोनी के एक प्लॉट पर लंबे समय से मवेशियों की खाल उतारकर चर्बी गलाने का काम चल चल रहा है। इलाके के लोग इस जगह को गल्ला गोदाम के नाम से बुलाते हैं। सोमवार दोपहर बजरंग दल के कुछ कार्यकर्ता 100 नंबर पर सूचना देने के बाद प्लॉट पर आकर हंगामा करने लगे। मौके से काफी दुर्गंध आ रही थी। पुलिस जब वहां पहुंची, तो अंदर का नजारा देखकर हैरान रह गई। वहां सैकड़ों मवेशियों के अवशेष पड़े हुए थे। बड़ी-बड़ी कढ़ाइयों में चर्बी उबाली जा रही थी। कई मवेशी वहां अचेत मिले।

मौके पर बदबू इतनी ज्यादा थी कि प्लॉट पर कोई रुक नहीं पा रहा था। बजरंग दल के कार्यकर्ताओं का आरोप था कि जाजमऊ चौकी इंचार्ज की सरपरस्ती में यह काम हो रहा है। उन्होंने आरोप लगाया कि गोवंश को काटकर मांस से चर्बी का अवैध व्यापार हो रहा है। पुलिस से की गई शिकायत में कहा गया है कि मौके से नगर निगम का एक बुलडोजर भी बरामद हुआ है। उन्होंने थाना इंचार्ज और नगर निगम कर्मचारियों को सस्पेंड करने की मांग की। वहीं, सीओ का दावा है कि पूरे शहर के मरे हुए जानवर इस प्लॉट में फेंके जाते हैं। आसपास के लोग भी यही दावा कर रहे थे।

शहर में इस्तेमाल हो रहा घी
जानकार ऐसा दावा कर रहे हैं कि मवेशियों की चर्बी का देसी घी और वनस्पति घी बनाने में जमकर इस्तेमाल किया जा रहा है। साबुन बनाने में भी इस चर्बी का इस्तेमाल होता है। शहर में पराठे बेचने वाले कई पॉइंट्स के अलावा बेकरियों में भी यह घी खूब प्रयोग हो रहा है।

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