किया जा रहा है अधिग्रण के लिए विशेष प्रायोजन कंपनियों के माडल की व्यवहार्यता का अध्ययन: सेबी प्रमुख

नई दिल्ली। भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) के प्रमुख अजय त्यागी ने कहा है कि एक विशेषज्ञ समिति भारत में विशेष उद्देश्यीय अधिग्रहण कंपनियों (एसपीएसी) जैसे ढांचे को पेश करने की व्यवहार्यता का अध्ययन कर रही है। त्यागी ने बुधवार को उद्योग मंडल फिक्की के वार्षिक पूंजी बाजार सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि सेबी प्राथमिक बाजार सलाहकार समिति (पीएमएसी) के तहत गठित समूह ने अभी अपनी रिपोर्ट नहीं सौंपी है। 
  ऐसी एसपीएसी का गठन आरंभिक सार्वजनिक निर्गम (आईपीओ) से पूंजी जुटा कर उस राशि का इस्तेमाल अधिग्रहण के लिए कंपनी की पहचान करने और उसमें विलय के लिए किया जाता है। एसपीएसी का गठन सामान्य तौर पर निजी इक्विटी कोषों या वित्तीय संस्थानों द्वारा किया जाता है। इनकी किसी विशेष उद्योग या कारोबारी क्षेत्र में विशेषज्ञता हाती है। इसके तहत शुरुआती कार्यशील पूंजी और मुद्दे आधारित खर्च के लिए निवेश किया जाता है। इस तरह की कंपनियां हाल के समय में अमेरिका में काफी लोकप्रिय हुई हैं। सेबी प्रमुख ने कहा कि सूचीबद्ध कंपनियों द्वारा अनिवार्य रूप से दी जाने वाली सूचनाओं को चेक बॉक्स या ऐसी सूचना-सूची नहीं समझना चाहिए जिसके आधार पर चुनने या छोड़ने का निर्णय किया जाता है। उन्होंने कहा कि कुछ क्षेत्रों में कई कंपनियों द्वारा दी गयी सूचनाओं में कमी रही है। त्यागी ने कहा, निश्चित अवधि के विवरणों मसलन वार्षिक रिपोर्टों में जहां सभी चीजों को भरा जाता है, वहीं कुछ मामलों यह चेक-बॉक्स की प्रक्रिया अधिक लगती है। इसे स्वीकार नहीं किया जा सकता। सेबी प्रमुख ने कहा कि वित्तीय नतीजों, वार्षिंक रिपोर्ट और कामकाज के संचालन की रिपोर्ट जैसे दस्तावेजों में गुणवत्ता का स्तर ऐसा होना चाहिए जिसके निवेशक हकदार हैं। 

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