किसानों से बोले पीएम- कृषि आमदनी दोगुनी करने की बात की तो लोगों ने मजाक उड़ाया

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कृषि क्षेत्र में अपनी सरकार की अभूतपूर्व उपलब्धियों का ब्यौरा देते हुए कहा कि जब उन्होंने खेती से जुड़े लोगों की आय दोगुनी करने की बात की तो कुछ लोगों ने उसका मजाक उड़ाया लेकिन उन्हें किसानों पर पूरा भरोसा है। वे बुधवार को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए कृषि क्षेत्र की समस्याओं को लेकर किसानों से बात कर रहे थे।

सरकार की कल्याणकारी योजनाओं पर जनता से सीधी बातचीत के तहत उन्होंने 600 जिलों के किसानों की बात सुनी और उन्हें अपनी बात बताई। उन्होंने कहा कि 2022 तक किसानों की आय दोगुनी करने के लिए कृषि क्षेत्र का बजट 2.12 लाख करोड़ कर दिया गया है, जबकि पिछली सरकार ने 2009-14 के बीच 1.21 लाख करोड़ का प्रïवधान किया था। पिछली सरकार के मुकाबले उनकी सरकार का कृषि बजट लगभग दोगुना है।

मोदी ने कहा कि उनकी सरकार विस्तृत एवं संतुलित नीति के जरिए किसानों को गुणवत्तापूर्ण बीज, उर्वरक, पानी और बिजली के साथ बाजार की भी सुविधा मुहैया कराने की कोशिश कर रही है ताकि उनकी आमदनी को बढ़ाया जा सके। इस लक्ष्य को हासिल करने के लिए कृषि लागत मूल्य में कमी लाने, उपज का उचित मूल्य देने, फसल को नुकसान से बचाने और किसानों के लिए आय के वैकल्पिक साधन मुहैया कराने का प्रयास किया जा रहा है। 

डेढ़ गुना एमएसपी
प्रधानमंत्री ने कहा कि 2018-19 के बजट में सरकार ने सभी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) को लागत का डेढ़ गुना करने की घोषणा की है। कृषि बजट को भी दोगुना कर दिया गया है। इससे किसानों के प्रति हमारी प्रतिबद्धता का पता चलता है। पिछले चार साल में कृषि क्षेत्र में अभूतपूर्व विकास के चलते 2017-18 में खाद्यान्न उत्पादन 28 करोड़ टन के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया है, जबकि 2010-14 के बीच औसत खाद्यान्न उत्पादन 25 करोड़ टन रहा था।

फल, सब्जी व दूध का बंपर उत्पादन 
मोदी ने कहा कि फल, सब्जी और दूध का बंपर उत्पादन हुआ है। दालों का उत्पादन औसतन 10.5 फीसदी की दर से बढ़ा है। मछली और दूध के उत्पादन में क्रमश: 26 और 24 फीसदी और अंडे के उत्पादन में 25 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

पिछली सरकारों ने कुछ नहीं किया
उन्होंने कहा कि देश की खाद्यान्न सुरक्षा का पूरा श्रेय किसानों को जाता है लेकिन आजादी के बाद से किसानों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया। पिछली सरकारों ने उनके लिए कुछ नहीं किया, लेकिन उनकी सरकार हर कदम पर अन्नदाता की मदद कर रही है। इसके तहत 12.5 करोड़ किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए हैं ताकि वे अपनी जमीन की गुणवत्ता के अनुसार फसलें उगा सकें। इसके अलावा उन्हें आसनी से ऋण मुहैया कराया जा रहा है।

किसानों को बिचौलियों से बचाया
यूरिया की नीम कोटिंग के कारण उसकी कालाबाजारी पर रोक लगी है। 22 हजार ग्रामीण बाजारों को मंडी से जोड़ा गया है ताकि किसानों को बिचौलियों के शोषण से बचाया जा सके। प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत 100 परियोजनाओं पर काम चल रहा है ताकि हर किसान को पानी मिल सके।

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