कृषि विश्वविद्यालय में गलत नियुक्ति कर फंसे जेडीयू विधायक, केस दर्ज

बिहार कृषि विश्वविद्यालय, सबौर में हुई नियुक्तियों में गड़बड़ी के मामले में जदयू विधायक मेवालाल चौधरी पर एफआईआर दर्ज किया गया है.

मेवालाल चौधरी विवि के पूर्व कुलपति भी रह चुके हैं. वो वर्तमान में मुंगेर जिले के तारापुर के जदयू विधायक हैं. राज्यपाल रामनाथ कोविंद के आदेश पर कुलपति डॉ अजय कुमार सिंह ने सबौर थाने में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्देश दिया था. इस मामले में सबौर थाना में कांड संख्या 35/2017 भादवि की धारा 409, 420, 467, 468, 471, 120 बी, आदि के तहत मामला दर्ज किया गया है.

बीएयू में 2012 में 161 सहायक प्राध्यापक और कनीय वैज्ञानिकों की नियुक्ति की गयी थी जिसमें इंटरव्यू में अनियमितता की बात सामने आयी थी. आरोप है कि नियुक्ति के लिए 15 से 20 लाख रुपये की बोली लगी थी, इसलिए कम योग्यता वाले अभियार्थियों की नियुक्ति कर दी गयी, जबकि योग्य अभ्यर्थियों को साक्षात्कार और प्रोजेक्ट में बेहद कम अंक देकर अयोग्य करार दिया गया.

प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मुख्य आरोपित पूर्व कुलपति डॉ मेवालाल चौधरी कभी भी गिरफ्तार हो सकते हैं. तकरीबन 20 साक्षात्कार कमेटियों ने 161 अभ्यर्थियों का चयन किया गया था, जिनमें विवि के 30 से ज्यादा वरीय पदाधिकारी शामिल हैं. इस मामले में पूर्व कुलपति और जेडीयू विधायक ने अपने उपर लगे आरोपों को खारिज किया है.

जेडीयू विधायक ने कहा कि उन्हें राजनीति के तहत फंसाया जा रहा है जबकि विश्वविद्यालय नियुक्ति में उनकी कोई भूमिका नहीं है. उसके लिए एक एक्सपर्ट की कमिटी थी जिसने पूरा सेलेक्शन किया था . विधायक ने कहा कि वो सिर्फ उस कमिटी के अध्यक्ष थे. जेडीयू विधायक ने कहा कि वो इस मामले को लेकर कोर्ट में में जाएंगे और इस मामले को चुनौती देंगे.

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