केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर के बैंकों दे सकता है 40 हजार करोड़ रुपये 

नई दिल्ली । केंद्र सरकार पब्लिक सेक्टर में ऋण वितरण को बढ़ावा देने और उनके वित्तीय हालात बेहतर करने के लिए प्रयासरत है। लिहाजा, इस फिस्कल इयर में लगभग 40 हजार करोड़ रुपये निवेश कर सकती है। इस संबंध में 5 जुलाई को पेश होने वाले बजट में ऐलान किया जा सकता है। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बताया कि लोन ग्रोथ बढ़ाने में बैंकों को मदद देने की योजना पर काम चल रहा है। उन्होंने कहा, 'इस पूंजी से लोन ग्रोथ को सपॉर्ट मिलेगा और कुछ कमजोर बैंकों को रेग्युलेटरी नॉर्म्स पर अमल करने में मदद मिलेगी।' लगभग पांच बैंक अब भी रिजर्व बैंक के प्रॉम्प्ट करेक्टिव एक्शन (पीसीए) फ्रेमवर्क के दायरे में हैं। प्रॉम्प्ट करेक्टिव ऐक्शन (पीसीए) के दायरे में लाए जाने वाले बैंकों के लोन बांटने पर कुछ तरह की कारोबारी पाबंदियां लग जाती हैं।
सरकार ने पिछले फिस्कल इयर में पब्लिक सेक्टर के बैंकों को रेकॉर्ड 1.6 लाख करोड़ रुपये दिए थे। इससे पांच सरकारी बैंकों को पीसीए फ्रेमवर्क से बाहर निकलने में मदद मिली थी। पंजाब नेशनल बैंक और यूनियन बैंक जैसे बड़े सरकारी बैंकों को पिछले फिस्कल इयर के अंतिम क्वॉर्टर में बड़ा घाटा उठाना पड़ा है। फरवरी में पेश अंतरिम बजट में रीकैपिटलाइजेशन के लिए एलोकेशन का कोई प्रोविजन नहीं किया गया था। सरकारी सूत्र ने बताया, 'लगभग सभी बैंकों ने एनपीए के लिए लगभग 75फीसदी या ज्यादा की प्रोविजनिंग की है। पहले क्वॉर्टर में इनसॉल्वेंसी कोड के तहत कुछ बड़ी रिकवरी होने का अनुमान है। इससे उनकी प्रॉफिटेबिलिटी बेहतर होगी।' उन्होंने कहा कि सरकार मौजूदा फिस्कल इयर के पहले क्वॉर्टर का रिजल्ट आने के बाद बैंकों को पूंजी देने का फैसला कर सकती है। 

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