कोरोनाकाल में इंदौरियों को हर महीने 940 रु. टैक्स ज्यादा चुकाना होगा;

कोरोनाकाल में इंदौरियों को हर महीने 940 रु. टैक्स ज्यादा चुकाना होगा; मालिनी गौड़ ने फैसला रद्द कराने के लिए CM को भेजी चिट्‌ठी
 

निगम ने 1 अप्रैल से कचरा कलेक्शन, जलकर और सीवरेज लाइन पर थोपा भारी कर
हर कर में दाेगुनी वृद्धि के हिसाब से हर साल करीब 11280 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे

इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए नगर निगम ने भारी भरकम टैक्स का बोझ जनता पर लाद दिया है। दरअसल, निगम ने 1 अप्रैल से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर पीने के पानी और सीवरेज लाइनों के संधारण और उपयोग के लिहाज से टैक्स बढ़ाया है। डोर टू डोर कचरा गाड़ी को कचरा देने पर रोजाना 10 रुपए के हिसाब से 300 रुपए देने होंगे। यही हाल जलकर और संपत्तिकर का है। कुल मिलाकर जनता की जेब पर प्रतिमाह 940 रुपए प्रतिमाह ज्यादा बोझ पड़ने वाला है। यानी हर साल करीब 11280 रुपए ज्यादा चुकाने होंगे।

इसी तरह, कई-कई दिन छोड़कर आने वाले नालों के पानी के लिए भी हर महीने न्यूनतम ₹400 चुकाने पड़ेंगे। इस लिहाज से इंदौर मध्य प्रदेश का पहला शहर है, जहां स्वच्छता और पानी की दरें सर्वाधिक होंगी। नगर निगम ने पहली बार सीवरेज शुल्क लगाने का भी फैसला किया है। लिहाजा, आवासीय श्रेणी में सीवरेज लाइन जोड़ने पर ₹240 हर महीने देने होंगे। वहीं, व्यवसाय और औद्योगिक श्रेणी में ₹900 से लेकर 1308 प्रति माह की दरें तय की गई हैं।

यही स्थिति संपत्ति कर को लेकर है, जिसमें भी नगर वासियों को अपनी-अपनी संपत्ति पर भारी भरकम टैक्स अब नगर निगम को चुकाना पड़ेगा। दरअसल, इंदौर की स्वच्छता रैंकिंग में जो प्रमुख शर्ते हैं, उनमें खर्चों की भरपाई शहर की जनता से किया जाना भी प्रमुख है। लिहाजा, निगम प्रशासन हर स्तर पर होने वाले खर्च की वसूली जनता से ही करना चाहता है, जिसका बोझ अब शहर के उन रहवासियों पर पड़ने वाला है, जो पहले से ही आर्थिक मंदी, बेरोजगारी और कोरोना की महामारी से जूझ रहे हैं।

शासन को बताई गई यह वजह

निगम ने पहली बार 5 गुना टैक्स बढ़ाने को लेकर जो वजह बताई थी, उसके मुताबिक इंदौर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 204. 83 करोड़ रुपए, जल प्रदाय सेवा में 302.46 करोड़ रुपए और सीवरेज में 27 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय की गई है। इस राशि की तुलना में जो राशि कलेक्शन के बाद प्राप्त हुई है, वह कम है, इसलिए 5 गुना टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था। इस पर शासन ने 5 गुना टैक्स के स्थान पर दोगुना कर लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। यह भी प्रदेश में किसी शहर में लगने वाला सर्वाधिक टैक्स होगा।

कांग्रेस ने जताया विरोध

इंदौर नगर निगम द्वारा विभिन्न टैक्स की दरों में की गई वृद्धि और नया टैक्स लगाए जाने का कांग्रेस ने विरोध किया है। कांग्रेस ने कहा है कि इसके विरोध में शहर में आंदोलन किया जाएगा। कांग्रेस नेताओं के मुताबिक निगम द्वारा टैक्स में वृद्धि उस समय की गई है, जब निगम परिषद में जनता द्वारा निर्वाचित जन प्रतिनिधि नहीं है। ऐसे में अधिकारियों द्वारा मनमानी करते हुए बढ़ाकर जनता पर दबाव को बढ़ाया जा रहा है।

पूर्व महापौर ने सीएम को लिखा पत्र

निगम द्वारा बढ़ाए गए मनमाने टैक्स को लेकर पूर्व महापौर व विधायक मालिनी गौड़ ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को पत्र लिखा है। उन्होंने कहा है कि बढ़ाया गया टैक्स जनता के हित में नहीं है। साथ ही कहा है कि इसमें अधिकारियों ने जनप्रतिनिधियों से चर्चा भी नहीं की। कोरोना संकटकाल में ये वृद्धि जायज नहीं है। लिहाजा, इसे निरस्त किया जाए।

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