कोरोना संकट का शहर से जुड़े विकास कार्यों पर भी गंभीर असर

  • सड़कों से लेकर बिजली के तारों तक और एयरपोर्ट से लेकर कचरा कलेक्शन तक सब कोरोना की मार झेल रहे, अभी आगे की राह और भी कठिन नजर रही, विभागों के पास अब देरी के लिए और सटीक बहाना

कोरोना वायरस ने जिंदगी को खतरे में तो डाला हुआ है साथ ही हर पहलू पर इसका गंभीर असर हो रहा है। शहर से जुड़े विकास कार्यों को ही इसकी बानगी के रूप में लिया जा सकता है। बजट है तो भी काम की गति नहीं है, कुशल श्रमिक नहीं मिल रहे और मौके पर जो रफ्तार निर्माणों की होनी चाहिए वह चल तो रही लेकिन थमी सी नजर रही है। सड़क, बिजली, पानी, सफाई, एयरपोर्ट, रेलवे का डेवलपमेंट और अनेकों कार्यों पर सीधे तौर पर कोरोना संकट का गंभीर असर हुआ है।

लॉकडाउन खत्म होने के बाद काम की जो गति होनी चाहिए वह अब नहीं बन पा रही है। वैसे ही जबलपुर निर्माण, विकास कार्यों की धीमी गति को लेकर परेशान है उस पर कोरोना ने जैसे दोहरी मार लगा दी है। अधिकारियों के काम करने का तरीका वैसे ही ढुलमुल है ऊपर से कोरोना ने इसमें एकदम सटीक सहयोग सा कर दिया है। अब जो निर्माण कार्य चल रहे हैं उनको देखकर लगता ही नहीं है कि ये तय समय सीमा में पूरे हो सकेंगे। इनका टारगेट आगे बढ़ना तय है।

नगर निगम जो विकास कार्य शहर में करा रहा है उनमें बीते छह माह से रफ्तार नहीं मिल पा रही है। काँचघर में कन्वेशन सेंटर, रानीतालाब का सौंदर्यीकरण, कचरा कलेक्शन में कंपनी बदलाव और बहुत से ऐसे कार्य हैं जो कोरोना से प्रभावित बताए जा रहे हैं। कचरा कलेक्शन में दुबई की कंपनी को जो काम सौंपा गया है उसके अधिकारियों का कहना है कि कोरोना संकट के चलते वे शहर नहीं पा रहे हैं। अनेक प्रोजेक्ट्स पर कोरोना वायरस का साया है।

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