कोरोना संक्रमित के संपर्क में आए लोगों को ढूंढ रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर पथराव, दो महिला डॉक्टर घायल

देश में बढ़ते जा रहे कोरोना के प्रकोप के बीच मध्यप्रदेश से एक हैरान करने वाली खबर सामने आई है। यहां के इंदौर शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके में बुधवार को कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए अभियान चला रहे स्वास्थ्य कर्मियों पर लोगों ने पथराव कर दिया। इससे दो महिला चिकित्सकों के पैरों में चोटें आई हैं।जानकारी के अनुसार, कोरोना वायरस से संक्रमित एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढने गए स्वास्थ्य कर्मियों पर यहां बुधवार को कुछ लोगों ने अचानक पथराव कर दिया। पथराव से दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोट आई है। इस घटना से जुड़ा एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हो रहा है।

दरअसल, घटना शहर के टाटपट्टी बाखल इलाके की है। इस दौरान मौजूद रही एक महिला डॉक्टर ने पहचान का खुलासा करने से इनकार करते हुए बताया कि कोरोना के खिलाफ अभियान के लिए स्वास्थ्य विभाग का पांच सदस्यीय दल इलाके में गया था। 

उन्होंने कहा कि मैं बहुत डरी हुई हूं। हम कोरोना वायरस संक्रमण के एक मरीज के संपर्क में आए लोगों को ढूंढ रहे थे। हमने जैसे ही इन लोगों से उनकी सेहत की स्थिति से जुड़े सवाल करने शुरू किए, तो उन्होंने इसका विरोध किया। तभी वहां कुछ और लोग आ धमके जिन्होंने हम पर पत्थर फेंकने शुरू कर दिए। 

महिला डॉक्टर ने कहा कि वो तो शुक्र है कि कुछ पुलिस कर्मी पास ही थे, इसलिए हमारी जान बच गई। इस बीच, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. प्रवीण जड़िया ने घटना को बेहद दुर्भाग्यपूर्ण करार देते हुए कहा कि हमारा दल लोगों को कोरोना वायरस संक्रमण से बचाने के लिए काम कर रहा था। लेकिन रहवासियों ने नासमझी में इस दल पर ही पथराव कर दिया।

उन्होंने कहा कि पथराव में हमारी दो महिला डॉक्टरों के पैरों में चोटें आई हैं। पथराव के दौरान दोनों महिला डॉक्टरों ने तहसीलदार की गाड़ी में किसी तरह छिप कर खुद को बचाया। जड़िया ने बताया कि घटना की शिकायत छत्रीपुरा पुलिस थाने में दर्ज कराई गई है। वहीं एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि घटना के दौरान बैरिकेड तोड़े गए और पथराव भी किया गया। पुलिस संज्ञान ले रही है। 

बहरहाल, यह शहर में कोई पहली घटना नहीं है जब कोरोना वायरस के खिलाफ अभियान चला रहे स्वास्थ्य कर्मियों को अप्रिय हालात का सामना करना पड़ा हो। यहां रविवार को भी अलग-अलग घटनाओं में स्वास्थ्य कर्मियों को असहयोग, बदसलूकी और धमकियों तक का शिकार होना पड़ा था। इन वाकयों के कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल भी हुए थे।

इन मामलों की जांच में जुटे अधिकारियों का कहना है कि ये घटनाएं कोरोना वायरस संक्रमण को लेकर आम लोगों में जागरूकता की कमी और सोशल मीडिया पर फैल रही अलग-अलग अफवाहों के कारण सामने आ रही हैं।

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