कोरोना से लड़ाई के लिए रेलवे 5000 कोच में तैयार कर रहा है 80 हजार आइसोलेशन बेड, 25000 डॉक्टर भी सेवा में जुटे

भारत में कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए रेलवे 5000 कोच में 80 हजार आइसोलेशन बेड तैयार कर रहा है, जाकि जरूरत परने पर कोरोना के मरीज को इसमें क्वारंटाइन किया जा सके। इनमें से लगभग 3250 कोच को आइसोलेशन वार्ड में तब्दील किया जा चुका है। यह जानकारी आज स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने दी।

उन्होंने यह भी बताया कि रेलवे ने अपने 2500 डॉक्टर और 35 हजार पारामेडिकल स्टाफ को कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई में लगाया है। रलवे का 586 हेल्थ यूनिट, 45 सबडिविजनल अस्पताल, 56 डिविजनल अस्पताल, आठ प्रोडक्शन यूनिट, 16 जोनल अस्पताल COVID-19 के खिलाफ जारी लड़ाई में जुटा हुआ है।

डॉक्टरों के कुल 2546 पदों और नर्सिंग स्टाफ, फार्मासिस्ट और अन्य श्रेणी के कर्मचारियों सहित 35153 अर्द्धचिकित्सा कर्मियों के साथ रेलवे कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में किसी भी चुनौती का सामना करने के लिए तैयार है। एक नई पहल के तहत देश भर में केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के लिए अब रेलवे स्वास्थ्य सेवाओं को उपलब्ध कराया गया है। इन सेवाओं में कुछ विशिष्टताओं में प्राथमिक, माध्यमिक और तृतीयक देखभाल सेवाएं शामिल हैं।

कोविड-19 रोगियों के उपचार के लिए 17 समर्पित अस्पतालों और रेलवे अस्पतालों के  33 अस्पताल ब्लॉकों में लगभग 5000 बिस्तर चिन्हित किए गये हैं। ये अस्पताल और ब्लॉक इस उद्देश्य के लिए तैयार किए जा रहे हैं। इसके साथ ही रेलवे के प्रतिष्ठानों में 11000 क्वारंटाइन बिस्तर उपलब्ध कराए गए हैं। केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों को रेलवे अस्पतालों-स्वास्थ्य केंद्रों में पहचान पत्र दिखाए जाने पर रेलवे स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराई गई हैं।
 

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