खुद को चौकीदार कहने वाले वाला निकला जमींदार

भोपाल । प्रदेश कांग्रेस मीडिया विभाग की अध्यक्ष श्रीमती शोभा ओझा ने आज कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, जो खुद को देश के चैकीदार के रूप में प्रदर्शित कर रहे थे, आज उसका खुलासा हो गया है कि वो चैकीदार नहीं जमींदार हैं। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि कल नए खुलासे से साफ जाहिर हो गया है कि नरेन्द्र मोदी करोड़ों की संपत्ति के मालिक हैं और यह संपत्ति जो कि सेक्टर-1, गांधी नगर में स्थित है, इस संपत्ति को बहुत कम कीमत में मोदी ने मात्र 1 लाख 30 हजार रूपये जमा करके 326.22 स्क्वेयर मीटर जमीन अपने खुद के मुख्यमंत्री रहते हुए, खुद की सरकार से स्वीकृत करवाई। 2007 के चुनावों में मोदी ने अपने शपथपत्र में इस प्लॉट नंबर 411 का जिक्र किया था एवं यह भी बताया था कि उन्होंने उसमें 30363 रूपयों का कंस्ट्रक्षन भी करवाया था। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए 2012 के शपथ पत्र में आश्चर्यजनक रूप से उक्त वर्णित 411 नंबर का प्लॉट नदारद हो गया। जिसका बाजार मूल्य है लगभग 1 करोड़ 18 लाख रूपये और खास बात यह है कि शर्तों के अनुसार इस आवंटित प्लॉट को न बेचा जा सकता है और न ही इसका ट्रांसफर किया जा सकता है। फिर यह प्लॉट कहां गया? बाद में उसकी जगह आ गया पलॉट नंबर 401(ए), इसका साइज भी उन्होंने 326.11 स्क्वेयर मीटर ही बताया। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि बात यहीं नहीं रूकती। उपरोक्त वर्णित घटनाक्रमों के बाद भी उक्त प्लॉट के बारे में कागजों और शपथ-पत्रों पर जानकारियां और मालिकाना हक संदेहास्पद रूप से लगातार बदलते रहे, जिससे यह साफ जाहिर होता है कि कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है। 
श्रीमती ओझा ने कहा कि केवल एक इस उदाहरण से साबित हो जाता है कि जो प्रधानमंत्री अपने आप को चौकीदार कहते हैं, वो छिपे रूप में जमींदार हैं। वो ये कहते हैं कि ‘‘मैं तो फकीर हूं, झोला उठाकर निकल जाऊंगा’’, तो उन्हें यह भी बताना चाहिए कि वो झोला भरा होगा या खाली?
श्रीमती ओझा ने कहा कि भाजपा की केन्द्र सरकार और उसके चोर-चौकीदार मुखिया का असली भ्रष्ट चेहरा जनता के सामने अब पूरी तरह से बेनकाब हो चुका है और जनता बेसब्री से मतदान के उस दिन की प्रतीक्षा कर रही है, जिस दिन वह अपने मताधिकार का प्रयोग कर इस भ्रष्ट सरकार और चोर-चौकीदार से मुक्ति पा सके।

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