गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास सबसे ज्यादा जरूरी
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा है कि उच्च शिक्षा और कौशल विकास गुणवत्तापूर्ण हो, यह सबसे ज्यादा जरूरी है। उन्होंने कहा कि हमारा लक्ष्य है कि शिक्षित और प्रशिक्षित हर युवा को रोजगार के सुनिश्चित अवसर मिलें। इसके लिए प्रदेश में नॉलेज कार्पोरेशन लिमिटेड गठित करने पर विचार किया जाएगा। श्री नाथ आज मंत्रालय में उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की समीक्षा कर रहे थे। बैठक में उच्च शिक्षा मंत्री श्री जीतू पटवारी उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री कमल नाथ ने कहा कि उच्च शिक्षा और कौशल विकास केवल रस्म अदायगी न हो। उच्च शिक्षा के क्षेत्र में फैकल्टी पर विशेष ध्यान दें। कौशल विकास के क्षेत्र में भी हमें उन फैकल्टी पर विशेष ध्यान देना है जिससे हमारे नौजवानों को रोजगार मिले। उन्होंने कहा कि हमें शिक्षण और प्रशिक्षण के क्षेत्र में संख्या बल पर ध्यान देने की बजाए इस बात का निरंतर आकलन करना है कि उनमें से कितनों को रोजगार मिला। मुख्यमंत्री ने कहा कि उच्च शिक्षा के क्षेत्र में आधुनिक संसाधनों की उपलब्धता के लिए विभाग स्वयं के आर्थिक स्त्रोत विकसित करें। उन्होंने कहा कि कॉर्पोरेट-सोशल रिसोर्स का अधिक से अधिक सहयोग प्राप्त करने की दिशा में लक्ष्य आधारित रणनीति बनाकर उस पर अमल के लिये उद्योगों से संपर्क किया जाये।
मुख्यमंत्री श्री नाथ ने कहा कि कौशल विकास के क्षेत्रों में उद्योगों और व्यापार की ऐसी स्थानीय आवश्यकताओं का भी अध्ययन किया जाए, जो शिक्षित, प्रशिक्षित युवाओं को तत्काल रोजगार दे सकें। मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी प्राइवेट कोचिंग सेंटर्स को रजिस्टर्ड कर उनमें से बेहतर कोचिंग संस्थानों का युवाओं को शिक्षा के क्षेत्र में सक्षम बनाने में उपयोग करने को कहा।
बैठक में उच्च शिक्षा एवं कौशल विकास के क्षेत्र के नीतिगत विषयों पर भी चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने रिक्त पदों पर भर्ती, स्किल विश्वविद्यालय की स्थापना, कॉमन केरियर पोर्टल, कॉलेज ऑफ एक्सीलेंस, आई.आई.टी. एवं आई.आई.एम. जैसे उत्कृष्ट संस्थान बनाने, आदिवासी बहुल क्षेत्र में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में ग्रास एनरोलमेंट रेशो (जीईआर) बढ़ाने और निजी कोचिंग स्थानों से पी.पी.पी. मॉडल पर विद्यार्थियों को कोचिंग उपलब्ध करवाने के संबंध में तत्काल विस्तृत कार्य-योजना बनाने के निर्देश दिए।