कंपनियों से टैक्स वसूली के लिए नीति बनाएंगे जी-20 देश

टोक्यो । जी-20 देश इंटरनेट क्षेत्र में कारोबार करने वाली दुनियाभर की दिग्गज डिजिटल कंपनियों के लिए नई कर नीति बनाने की तैयारी कर रहे हैं। इसमें किसी कंपनी पर टैक्स लगाने अधिकार उस देश को दिया जाएगा, जहां वह कारोबार कर रही है। अगले महीने होने वाले जी-20 देशों के शीर्ष नेताओं के सम्मेलन में इस पर अंतिम सहमति बन सकती है। जापान के शीर्ष बिजनेस अखबार ने बृहस्पतिवार को एक रिपोर्ट में कहा कि जापान के फुकुओका शहर में अगले महीने होने वाली बैठक में इस आधार नीति पर जी-20 समूह के सभी सदस्यों देशों के वित्त मंत्री हस्ताक्षर करेंगे। आम सहमति बनने के बाद अंतिम करार 2020 तक तैयार कर लिया जाएगा। हालांकि, अभी इसका फैसला नहीं हुआ है कि यह नीति किस तरह काम करेगी। कयास लगाए जा रहे हैं कि नई नीति के तहत कंपनियों को कर के रूप में अपने राजस्व का हिस्सा उस देश को देना होगा, जहां उसके उपभोक्ता हैं। हालांकि, टैक्स किस तरह एकत्र किया जाएगा और इसका बंटवारा कैसे होगा, इस पर आर्थिक एवं विकास संगठन ही अंतिम रूप से फैसला करेगा। नई कर नीति का भारत जैसे देशों को बड़ा फायदा मिल सकता है। नई नीति में इस बात पर जोर दिया जाएगा कि कोई वैश्विक कंपनी अपने टैक्स की गणना और भुगतान उस देश में लगने वाली दर के हिसाब से नहीं करेगी, जहां उसका मुख्यालय है। अब कंपनियों को टैक्स का भुगतान जिन देशों में कारोबार स्थित है, उनके हिसाब से देना होगा। इसकी गणना उस देश में कंपनी के उपभोक्ताओं की संख्या पर आधारित होगी। ऐसे में भारत को बहुराष्ट्रीय कंपनियों से अरबों का टैक्स मिलने का रास्ता खुल सकता है।

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