गुरुग्राम में 9 महीने की मासूम की हत्या के बाद मां से गैंगरेप

गुरुग्राम में 29 मई को बिहार की रहने वाली पीड़ित ने पुलिस को अपनी 9 महीने की बच्ची की हत्या की शिकायत दी थी और आरोप ऑटो सवार तीन युवकों पर लगाया था. लेकिन इसके बाद पीड़िता ने गुरुग्राम पुलिस को 3 जून को अपने साथ हुई हैवानियत ओर गैंगरेप की वारदात भी बताया.

गुरुग्राम पुलिस ने बीती 3 जून को पीड़ित के बयान दर्ज किए और मेडिकल करवाया, जिसमे की पुष्टि होने के बाद हत्या के मामले के साथ गैंगरेप की धारा को भी जोड़ कर मामले की तफ्तीश शरू कर दी गई है.

मामले की जांच कर रहे आईएमटी मानेसर के थाना प्रभारी नरेंद्र यादव की मानें तो 27 वर्षीय पीड़िता मानेसर में किराए के मकान में अपने पति के साथ रहती हैऔर बीती 29 मई की देर रात को पड़ोस में हुए झगड़े से घबरा कर अपने मायके खांडसा जाने के लिए अपनी 9 महीने की बच्ची को लेकर निकली थी.

पुलिस सूत्रों की माने तो रास्ते मे एक ऑटो चालक ने लिफ्ट के बहाने पीड़ित को अपने ऑटो में बैठा लिया और उसके साथ छेड़छाड़ करने लगे जिसमे हुई छीनाझपटी से 9 महीने की मासूम रोने लगी. ऑटो में बैठे हैवानों को नागवार गुजरा ओर तीनों में से किसी एक ने बच्ची को चलते ऑटो से सड़क पर इतनी जोर से पटका की उसकी मौके पर ही मौत हो गई.

थाना प्रभारी नरेंद्र यादव की मानें तो बच्ची की मौत के बाद तीनों हत्यारोपियों ने मानेसर के सेक्टर 8 में सुनसान जगह पर ले जा कर पीड़ित के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया. तीनों हत्यारोपी गैंगरेप करने के बाद भी कानून को धत्ता बताते हुए पीड़ित को 5 घंटो तक घुमाते रहे ओर फिर मानेसर इलाके में छोड़ फरार हो गए.

हालांकि शुरुआती जांच में पीड़िता ने गैंगरेप का मामला इसलिए भी छुपाया की कही उसका पति उसे इस वारदात के बाद छोड़ न दे. बहरहाल गुड़गाव पुलिस इस मामले की गंभीरता से जांच का दावा कर आरोपियों की जल्द गिरफ्तारी का दावा भी कर रही है.

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