गैंगरेप और मर्डर केस में 22 साल बाद आरोपी की बहन का सनसनीखेज खुलासा

हरियाणा के यमुना नगर में 22 साल पहले हुए एक गैंगरेप और मर्डर के मामले में नया खुलासा हुआ है. एक आरोपी की बहन और पूर्व मंत्री की बेटी ने खुलासा किया है कि इस वारदात के समय उसके पिता शेर सिंह सरकार में राज्य मंत्री थे. बेटे के मोह में शेर सिंह ने करोड़ों रुपए खर्च कर इस केस को दबा दिया था.

दैनिक भास्कर के मुताबिक, यह मामला 28 अगस्त 1995 का है. उस समय पुलिस को रेलवे वर्कशॉप ट्रैक के पास से बोरी में बंद एक नाबालिग लड़की की लाश मिली थी. मृतका की मेडिकल रिपोर्ट में यह बात सामने आई कि हत्या से पहले उसके साथ गैंगरेप किया गया था. पुलिस ने इस मामले में जांच शुरू की थी.

इस मामले में कई आरोपियों के साथ उस समय मौजूदा फॉरेस्ट एंड रेवेन्यू मंत्री शेर सिंह के बेटे रवि चौधरी का नाम भी सामने आया. हालांकि, मुख्यमंत्री भजन लाल की सरकार में यह केस दबा लिया गया. वहीं, सीबीआई जांच की मांग करते हुए पूर्व सीएम ओम प्रकाश चौटाला ने सड़क पर उतर कर प्रदर्शन भी किया था.

सीबीआई जांच पर सवाल

उस समय इस केस की जांच सीबीआई को मिल तो गई, लेकिन पीड़ित परिवार को इंसाफ नहीं मिला. पुलिस अभी तक एक भी आरोपी को पकड़ नहीं पाई है. अब इस मामले में 22 साल बाद अचानक एक मोड़ आया है. बीते दिन पूर्व मंत्री शेर सिंह की बेटी गीता चौधरी ने अपने भाई को आरोपी बताया है.

बेटी की वजह से खुलासा

गीता का आरोप है कि शेर सिंह ने पुत्रमोह के चलते आरोपी रवि को बचाने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किया था. 22 साल इस मामले में खुलासे की वजह पर गीता ने बताया कि अब उनकी बेटी बड़ी हो गई तो उन्हें पीड़िता के दर्द के बारे में पता चला है. उन्होंने बताया कि उसके भाई रवि समेत इस केस में 4 आरोपी थे.

संपत्ति विवाद का आरोप

गीता के भाई रवि चौधरी का कहना है कि संपत्ति विवाद के कारण वह ऐसे आरोप लगा रही है. आखिर वह इतने दिन कहां थी. बताते चलें कि गीता यमुनानगर के रहने वाले पूर्व मंत्री शेर सिंह की बेटी है. उनका अपने परिवार और पति से संपत्ति विवाद है. 1995 में नरेश कुमार से शादी हुई और. 2007 में तलाक हो गया.

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