ग्वाटेमाला से मियामी तक एक व्यक्ति ने विमान के पहियों के पास छिपकर किया सफर

वॉशिंगटन । एक भारतीय व्यक्ति ने अपनी जान जोखिम में डालकर ग्वाटेमाला से मियामी तक का सफर विमान के पहियों के पास छिपकर किया। एक अमेरिकी एयरलाइंस में यात्रियों के अलावा यह शख्स भी मौजूद था। यह विमान के भीतर नहीं बल्कि विमान के लैंडिंग गियर में बैठा था। मियामी की स्थानीय न्यूज वेबसाइट ने एक वीडियो इंस्टाग्राम पर पोस्ट किया। वीडियो में विमान के ग्वाटेमाला पर उतरने के बाद हवाई अड्डे के कर्मचारियों को लैंडिग गियर से शख्स को निकालते हुए देखा जा सकता है। यह विमान दो घंटे 30 मिनट की थी जिसमें शख्स जीवित बच गया। यह व्यक्ति अमेरिकन एयरलाइंस की उड़ान 1182 में सवार होकर आया था। शनिवार को सुबह 10 बजे प्लेन की लैंडिंग के बाद उसे एम्बुलेंस से पास के एक अस्पताल ले जाया गया। अमेरिकन एयरलाइंस ने एक बयान में कहा कि सुरक्षा को देखते हुए कानून प्रवर्तन अधिकारियों से संपर्क किया गया है। हम जांच में कानून प्रवर्तन के साथ मिलकर काम कर रहे हैं। ओनली इन डैड में कंटेंट टीम के सदस्य डैन वास्केज़ ने कहा कि हमें यह वीडियो मिला और हमने इसे रेकॉर्ड करने वाले शख्स से बात की। वह बहुत डरा हुआ था क्योंकि यह अविश्वसनीय है कि कोई इससे बच सकता है।
वास्केज़ ने कहा कि क्या आप उस हवा के दबाव की कल्पना कर सकती हैं? सोशल मीडिया पर इस वीडियो को पोस्ट किए जाने के बाद लोगों को अफगानिस्तान की याद आ गई, जहां अगस्त में ऐसा ही कुछ देखने को मिला था। अमेरिकी सेना के निकासी अभियान के दौरान सैकड़ों लोग विमान से चिपके हुए थे। इनमें कुछ ने लैंडिंग गियर में छिपकर भागने की कोशिश की थी। कुछ की आसमान से गिरकर मौत हो गई जबकि कतर में उतरे सी-17 मालवाहक विमान के पहिए में अन्य मानव अवशेष पाए गए थे। इस तरह का जोखिम लेने के चलते अब तक 80 से ज्यादा लोग जान गंवा चुके हैं। यूएस फेडरल एविएशन प्रशासन के मुताबिक 1947 से 2015 के बीच 113 लिखित मामले सामने आए जिनमें 86 लोगों की मौत हो गई। ज्यादातर मामलों में लोग आसमान से गिर गए और लैंडिंग या टेक-ऑफ के दौरान मारे गए। दूसरे मामलों में लोग अत्यधिक ठंडे तापमान और ऊंचाई पर कम वायुमंडलीय दबाव पर हाइपोथर्मिया और हाइपोक्सिया के चलते मारे गए। इन मामलों में जीवित बच गए शख्स का मामला दुनिया में दर्ज किया अपनी तरह का पहला मामला था। प्रदीप सैनी नाम का यह शख्स एक भारतीय व्यक्ति था।

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