घर में स्थापित हैं शिवलिंग तो रखें इन बातों का ध्यान, अन्यथा होगा अनर्थ

सावन का महीना कुछ ही दिनों में आरंभ होने वाला है। भोले बाबा को प्रसन्न करने का इससे उत्तम समय कोई नहीं है। एक माह यदि सच्चे ह्रदय से भगवान शिव के मंदिर जाकर उनका पूजन किया जाए तो हर मनोकामना पूर्ण होती है। यदि आप मंदिर नहीं जा सकते तो अपने घर ले आएं शिवलिंग का प्रतिदिन श्रद्धा और आस्था से पूजन करें। कुछ बातों का विशेष तौर से ध्यान रखें अन्यथा अनर्थ हो सकता है। 

शिवलिंग भगवान शिव का ही रूप हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन भगवान शिव जितने भोले हैं, उनका क्रोध उतना ही भयंकर भी है। कुछ लोग घर में शिवलिंग की स्थापना तो कर लेते हैं लेकिन अनजाने में उनसे अपराध हो जाते हैं। कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विधि-विधान से किया गया पूजन ही फलदायी होता है। वहीं पूजा में कोई कमी या गलती हो जाए तो यहीं पूजा विनाशकारी सिद्ध हो सकती है इसलिए घर में शिवलिंग रखा है तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें। 

वास्तु के अनुसार, घर में रखे शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 

घर पर स्थापित शिवलिंग पर सदैव जलधारा रहनी चाहिए। 

घर में बंद स्थान पर शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग को खुले स्थान पर ही स्थापित करें। 

शिवलिंग को ऐसे स्थान पर कदापि न रखें, जहां विधि-विधान से पूजा न हो सके। विधि-विधान से पूजा न करना महादेव का अपमान माना जाता है। जिससे व्यक्ति किसी अनर्थ को आमंत्रित करता है। 

घर में अंगुष्ट प्रमाण अर्थात अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर लंबाई का शिवलिंग ही स्थापित करें। इससे बड़ा शिवलिंग घर में रखने का विधान नहीं है, यदि रखा है तो घर में तांडव मच सकता है।

शिवलिंग का स्थान बदलते समय उनके चरणों को स्पर्श करें। एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना हुआ है तो गंगाजल से अभिषेक करें। 

शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध अर्पित न करें। भोलेनाथ पर चढ़ने वाला दूध सादा अौर ठंडा होना चाहिए। 

शिवलिंग के समीप सदैव माता गौरी अौर श्रीगणेश की प्रतिमा रखनी चाहिए। शिवलिंग को कभी भी अकेले स्थापित नहीं करना चाहिए।


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सावन का महीना कुछ ही दिनों में आरंभ होने वाला है। भोले बाबा को प्रसन्न करने का इससे उत्तम समय कोई नहीं है। एक माह यदि सच्चे ह्रदय से भगवान शिव के मंदिर जाकर उनका पूजन किया जाए तो हर मनोकामना पूर्ण होती है। यदि आप मंदिर नहीं जा सकते तो अपने घर ले आएं शिवलिंग का प्रतिदिन श्रद्धा और आस्था से पूजन करें। कुछ बातों का विशेष तौर से ध्यान रखें अन्यथा अनर्थ हो सकता है। 

शिवलिंग भगवान शिव का ही रूप हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन भगवान शिव जितने भोले हैं, उनका क्रोध उतना ही भयंकर भी है। कुछ लोग घर में शिवलिंग की स्थापना तो कर लेते हैं लेकिन अनजाने में उनसे अपराध हो जाते हैं। कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विधि-विधान से किया गया पूजन ही फलदायी होता है। वहीं पूजा में कोई कमी या गलती हो जाए तो यहीं पूजा विनाशकारी सिद्ध हो सकती है इसलिए घर में शिवलिंग रखा है तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें। 

वास्तु के अनुसार, घर में रखे शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 

घर पर स्थापित शिवलिंग पर सदैव जलधारा रहनी चाहिए। 

घर में बंद स्थान पर शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग को खुले स्थान पर ही स्थापित करें। 

शिवलिंग को ऐसे स्थान पर कदापि न रखें, जहां विधि-विधान से पूजा न हो सके। विधि-विधान से पूजा न करना महादेव का अपमान माना जाता है। जिससे व्यक्ति किसी अनर्थ को आमंत्रित करता है। 

घर में अंगुष्ट प्रमाण अर्थात अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर लंबाई का शिवलिंग ही स्थापित करें। इससे बड़ा शिवलिंग घर में रखने का विधान नहीं है, यदि रखा है तो घर में तांडव मच सकता है।

शिवलिंग का स्थान बदलते समय उनके चरणों को स्पर्श करें। एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना हुआ है तो गंगाजल से अभिषेक करें। 

शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध अर्पित न करें। भोलेनाथ पर चढ़ने वाला दूध सादा अौर ठंडा होना चाहिए। 

शिवलिंग के समीप सदैव माता गौरी अौर श्रीगणेश की प्रतिमा रखनी चाहिए। शिवलिंग को कभी भी अकेले स्थापित नहीं करना चाहिए।


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सावन का महीना कुछ ही दिनों में आरंभ होने वाला है। भोले बाबा को प्रसन्न करने का इससे उत्तम समय कोई नहीं है। एक माह यदि सच्चे ह्रदय से भगवान शिव के मंदिर जाकर उनका पूजन किया जाए तो हर मनोकामना पूर्ण होती है। यदि आप मंदिर नहीं जा सकते तो अपने घर ले आएं शिवलिंग का प्रतिदिन श्रद्धा और आस्था से पूजन करें। कुछ बातों का विशेष तौर से ध्यान रखें अन्यथा अनर्थ हो सकता है। 

शिवलिंग भगवान शिव का ही रूप हैं। भोलेनाथ एक लोटा जल अर्पित करने से भी प्रसन्न हो जाते हैं। लेकिन भगवान शिव जितने भोले हैं, उनका क्रोध उतना ही भयंकर भी है। कुछ लोग घर में शिवलिंग की स्थापना तो कर लेते हैं लेकिन अनजाने में उनसे अपराध हो जाते हैं। कुछ नियमों का विशेष ध्यान रखना चाहिए। विधि-विधान से किया गया पूजन ही फलदायी होता है। वहीं पूजा में कोई कमी या गलती हो जाए तो यहीं पूजा विनाशकारी सिद्ध हो सकती है इसलिए घर में शिवलिंग रखा है तो इन बातों का ध्यान अवश्य रखें। 

वास्तु के अनुसार, घर में रखे शिवलिंग पर बिल्व पत्र अर्पित करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है। 

घर पर स्थापित शिवलिंग पर सदैव जलधारा रहनी चाहिए। 

घर में बंद स्थान पर शिवलिंग की स्थापना नहीं करनी चाहिए। शिवलिंग को खुले स्थान पर ही स्थापित करें। 

शिवलिंग को ऐसे स्थान पर कदापि न रखें, जहां विधि-विधान से पूजा न हो सके। विधि-विधान से पूजा न करना महादेव का अपमान माना जाता है। जिससे व्यक्ति किसी अनर्थ को आमंत्रित करता है। 

घर में अंगुष्ट प्रमाण अर्थात अंगूठे के ऊपर वाले पोर के बराबर लंबाई का शिवलिंग ही स्थापित करें। इससे बड़ा शिवलिंग घर में रखने का विधान नहीं है, यदि रखा है तो घर में तांडव मच सकता है।

शिवलिंग का स्थान बदलते समय उनके चरणों को स्पर्श करें। एक बर्तन में गंगाजल भरकर उसमें शिवलिंग को रखें। यदि शिवलिंग पत्थर का बना हुआ है तो गंगाजल से अभिषेक करें। 

शिवलिंग पर पैकेट वाला दूध अर्पित न करें। भोलेनाथ पर चढ़ने वाला दूध सादा अौर ठंडा होना चाहिए। 

शिवलिंग के समीप सदैव माता गौरी अौर श्रीगणेश की प्रतिमा रखनी चाहिए। शिवलिंग को कभी भी अकेले स्थापित नहीं करना चाहिए।

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