चंंडीगढ़ के क्रिकेट खिलाडियों की उम्‍मीदों को लगे पंख, अगले सीजन में खेलगी यूटी की टीम

चंडीगढ़। शहर के क्रिकेटरों और क्रिकेट प्रेमियों के लिए बड़ी खुशखबरी है। अब चंडीगढ़ यूटी की टीम भी रणजी ट्राफी में खेलेगी। बीसीसीआइ ने इस पर सहमति देने की खबर है। चंडीगढ़ के क्रिकेटरों को इससे काफी फायदा होगा और उनको बेहतर मौके मिलेेंगे। अभी चंडीगढ़ के खिलाड़ी पंजाब और हरियाणा की टीमों में स्‍थान बनाने के लिए जद्दोजिहद करते रहते हैं। यूटी की टीम अगले सीजन से रणजी ट्राफी क्रिकेट प्रतियोगिता में भाग ले सकती है।

बीसीसीआइ ने सर्कुलर जारी कर यूटी की तीनों क्रिकेट एसोसिएशनों को दिया आपसी सहमति बनाने का निर्देश

 
दरअसल इसी साल मार्च में बीसीसीआइ ने यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता देने के लिए दो सदस्यीय दल चंडीगढ़ भेजा था। बीसीसीआइ के इस दल में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अंशुमन गायकवाड़ और सबा करीम शामिल थे। इस दल ने दो दिन शहर में रहकर यहां क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा लिया और शहर की तीनों क्रिकेट एसोसिएशन से बात भी की। इन तीनों क्रिकेट एसोसिएशनों ने अपनी दलील देकर उन्हें मान्यता देने की मांग की।

शहर के क्रिकेटरों को मिलेंगे अब बेहतर मौके, अभी पंजाब और हरियाणा से खेलते हैं चंडीगढ़ के खिलाड़ी  

सूत्रों के अनुसार, अंशुमन गायकवाड़ और सबा करीम ने एसोसिएशनों के साथ हुई बातचीत के आधार पर अपनी रिपोर्ट बीसीसीआइ प्रशासक कमेटी को सौंपी। बीसीसीआइ इसके बाद यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता देने के लिए राजी हो गया है। इसी बाबत बीसीसीआइ ने एक सर्कुलर जारी कर तीनों एसोसिएशनों को निर्देश दिए हैं कि वह चार दिन के भीतर आपसी सहमति से एक एसोसिएशन बना लें, अन्‍यथा बीसीसीआई अपने स्तर यूटी क्रिकेट एसोसिएशन का गठन करेगी।     

यूटी क्रिकेट एसोसिएशन के हैं तीन दावेदार 
बीसीसीआई की तरफ से शहर में क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा लेने आए अंशुमन गायकवाड और सबा करीम के सामने तीन क्रिकेट एसोसिएशन ने अपनी दावेदारी ठोकी थी। मौजूदा समय में शहर में तीन क्रिकेट एसोसिएशन हैं। इनमें एक यूटी क्रिकेट एसोसिएशन है। दूसरे चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएशन को पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन से मान्यता मिली हुई है। इसके अलावा एक अन्‍य चंडीगढ़ क्रिकेट एसोसिएश को हरियाणा क्रिकेट एसोसिएशन से मान्यता प्राप्त है। तीनों एसोसिएशन अपने स्तर पर अलग -अलग क्रिकेट प्रतियोगिताएं करवाकर अपनी -अपनी उपस्थिति दर्ज करवाती रही हैं।

18 वर्ष पहले भी बनाई थी समिति

इससे पहले साल 2001 में भी बीसीसीआई ने एक समिति का गठन किया था। इसके तीन सदस्य थे। उस कमेटी ने भी शहर के क्रिकेट इंफ्रास्ट्रक्चर का जायजा लेने के लिए सेक्टर-16 क्रिकेट स्टेडियम का दौरा किया था, और अपनी रिपोर्ट भी सौंपी थी। समिति की रिपोर् के बावजूद उस समय यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं मिली। 
  
यूटी क्रिकेट एसोसिएशन बनने से यह होगा फायदा

यूटी क्रिकेट एसोसिएशन बनने का सबसे ज्यादा फायदा खिलाड़ियों को होगा। अभी शहर के क्रिकेटर सीनियर स्तर की खेल प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने के लिए पंजाब और हरियाणा की टीमों से खेलते हैं। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता नहीं होने के कारण चंडीगढ़ की टीम राष्ट्रीय स्तर के क्रिकेट टूर्नामेंट में भाग नहीं ले पाती है। यूटी क्रिकेट एसोसिएशन को मान्यता मिल जाने पर शहर के क्रिकेटरों को ज्यादा मौके मिलेंगे।   

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