चीन की धमकी- किसी भी तरह के टकराव के लिए तैयार, बातचीत में भारत ने घोला जहर

बॉर्डर समस्या के कारण चीन और भारत में बना हुआ तनाव लगातार बढ़ता जा रहा है. चीन की मीडिया ने साफ तौर पर धमकी भरे शब्द में लिखा है कि चीन किसी भी तरीके के टकराव के लिए तैयार है, डोकलाम के मुद्दे चीन युद्ध के लिए जाने से भी पीछे नहीं हटेगा अगर ऐसा हुआ तो भारत को इस टकराव का भुगतान भुगतना पड़ सकता है.

चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स में लेख में कहा गया है कि 1962 के बाद भारत पर लगातार उत्तेजित करने का आरोप लगाया है. इसमें लिखा गया है कि चीन को भविष्य में होने वाले सभी तरह के टकरावों के लिए तैयार रहना चाहिए. चीन को आगे बढ़कर LAC पर टकराव का मुकाबला करना चाहिए, भारत अगर कई जगहों से मुश्किलों का सामना कर रहा है तो उसे LAC पर भी टकराव का सामना करना होगा.

लेख में लिखा है कि चीन को बेझिझक डॉकलाम एरिया में निर्माण बढ़ाना चाहिए इसके साथ ही अपनी सेना की संख्या भी वहां पर बढ़ानी चाहिए. एक संप्रभु देश होने के नाते यह चीन का हक है. चीन भारत के साथ किसी भी तरह के टकराव होने से नहीं डरता है, इसी प्रकार चीन किसी भी तरह के युद्ध से भी नहीं डरता है और खुद को इसके लिए तैयार करता है.

गौरतलब है कि 16 जून से बढ़े तनाव के बाद से ही चीनी मीडिया लगातार इस तरह की भाषा का प्रयोग कर रहा है. हाल ही में चीनी मीडिया की ओर से चीन की सेना की गोलीबारी की अभ्यास करते हुए वीडियो भी जारी की गई थी.

अखबार ने लिखा है कि भारत की इस तरह की कार्रवाई चीन की संप्रभुता को चुनौती है, जिस तरह से लगातार तनाव बढ़ रहा है. चीन को टकराव के लिए बिल्कुल तैयार रहना चाहिए, हालांकि इसके साथ ही समझदारी का भी उपयोग भी करना चाहिए. चीन में लगातार आवाज उठ रही है कि भारतीय सेना को डोकलाम सेक्टर से हटाना चाहिए, वहीं भारत की जनता भी यह सोचती है कि भारत चीन के साथ युद्ध के लिए संघर्ष कर रहा है. इन सभी बातों को भूलते हुए दोनों देशों को संयम रखने की जरुरत है.

अखबार में लिखा गया है कि अभी भी दोनों देशों में राजनयिक बातचीत चल रही है, लेकिन सभी तरह के संबंधों की भारत की ओर से जहर दिया गया है. अगर भारत बॉर्डर पर अपनी सेना को मजबूत करता है तो चीन भी ऐसा ही करेगा. अगर भारत इकॉनोमिक और सैन्य लेवल पर संख्या की प्रतियोगिता करना चाहता है तो चीन उसके लिए तैयार है. चीन एक उभरती हुई ताकत है, वह किसी भी तरह के बॉर्डर समस्या पर अपने स्त्रोत का इस्तेमाल कर सकता है. तिब्बत इलाके में चीन ने निर्माण किया है जो कि भारत, भूटान और नेपाल के बॉर्डर के पास है. ये एक सेना की ताकत की प्रतियोगिता है इसके साथ ही इकॉनोमिक ग्राथ की भी प्रतियोगिता है.

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