चीन के साथ बढ़ी तनातनी, सिक्किम बॉर्डर पर भारत ने बढ़ाई जवानों की संख्या

भारत ने सिक्किम के नजदीक अपने क्षेत्र पर पकड़ मजबूत करने के लिए ज्यादा बल तैनात कर दिए हैं। हालांकि, डोकाला पास पर सैन्य बलों की यह तैनाती ऐहतियातन हुई है। 1962 के बाद से चीनी और भारतीय सेना के बीच इस लंबे पास पर तकरीबन एक महीने से टकराव की स्थिति थी।

पिछले हफ्ते चीन द्वारा भूटान की जमीन पर सड़क बनाने और भारतीय सीमाक्षेत्र को अपना क्षेत्र बताने को लेकर दोनों सेना की बीच हाथापाई हुई। साथ ही चाइना पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने आक्रामक रवैया अख्तियार करते हुए भारत के दो बंकरों को तबाह कर दिया था। 

चीनी सेना की इस कार्रवाई के बाद भारतीय रक्षा मंत्री अरुण जेटली ने चीन को चेताते हुए कहा कि समय बदल चुका है। यह 1962 का युग नहीं है। यह 2017 है। चीन को अपने सीमावर्ती देशों की भूमि को हथियाने के साथ अपनी विस्तारवादी सोच को छोड़ सभी देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए।

चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने भी हाल ही में कहा था कि सभी देशों को एक-दूसरे की संप्रभुता का सम्मान करने की बात कही थी। लिहाजा चीनी सेना और प्रशासन को इस पर विचार करना चाहिए। भारतीय सेना द्वारा लालटेन में 2012 में बनाए गए दो बंकरों को एक जून को चीनी सेना द्वारा ध्वस्त किए जाने के बाद से भारत ने भूटान-तिब्बत सीमा पर अपने पेट्रोलिंग बढ़ा दी है। साथ ही भारत ने अतिरिक्त बलों को भी सिक्किम के डोकाल पास के पास तैनात कर दिया गया है।

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