चीन में शादी कम कर रहे लोग, घट रही है जनसंख्या

बीजिंग । चीन में गिरती जन्म दर के अलावा कम लोग शादी भी कम लोग कर रहे हैं, जिससे देश की जनसंख्या तेजी से घट रही है। हाल में जारी ‘चाइना स्टैटिस्टिकल ईयरबुक 2021’ के आंकड़ों से पता चलता है कि लगातार सात वर्षों में चीन में विवाह पंजीकरण की संख्या में कमी आई है। नागरिक मामलों के मंत्रालय की ओर से जारी आंकड़ों के अनुसार चीन में 2021 की पहली तीन तिमाहियों में कुल 58.7 लाख जोड़ों ने शादी की, जो पिछले साल की समान अवधि से थोड़ा कम है।  आशंका है कि 2021 में चीन में विवाह पंजीकरण की संख्या में गिरावट जारी रहेगी। पुस्तक के आंकड़ों के अनुसार यह गिरती जन्म दर का एक और कारण है। चीन में पिछले साल जन्म दर 0.852 प्रतिशत थी, जो 1978 के बाद पहली बार एक प्रतिशत से नीचे है।जनसांख्यिकीय संकट गहराता देख चीन ने दशकों पुरानी एक शिशु की नीति को खत्म कर 2016 में सभी जोड़ों को दो बच्चे पैदा करने की अनुमति दी और इस साल नीति में संशोधन कर दंपतियों को तीन बच्चों की अनुमति दी गई है। तीसरे बच्चे की अनुमति देने का निर्णय हाल में एक दशक में हुई जनगणना के बाद लिया गया।
आधिकारिक अनुमानों के बीच चीन की आबादी सबसे धीमी गति से बढ़ रही है । यहां आबादी1.412 अरब हो गई है। विवाह पंजीकरण में गिरावट के कारणों को रेखांकित करते हुए जनसांख्यिकी विशेषज्ञ हे याफू ने चीन में युवाओं की संख्या में कमी को एक कारण बताया है। उन्होंने नेशनल ब्यूरो ऑफ स्टैटिस्टिक्स का हवाला देते हुए कहा कि चीन में 80 के दशक, 90 के दशक और 2000 के दशक के बाद की आबादी में गिरावट आई है। विशेषज्ञ ने बताया कि काम के अत्यधिक दबाव और महिलाओं की शिक्षा के स्तर में सुधार तथा आर्थिक स्वतंत्रता जैसे कारणों से युवाओं में विवाह को लेकर दिलचस्पी भी घटी है।विशेषज्ञ ने कहा कि एक अन्य प्रमुख कारण पुरुष और महिला जनसंख्या का असंतुलित अनुपात है। चीन में, सातवीं राष्ट्रीय जनगणना के अनुसार पुरुषों की संख्या महिलाओं से 3.49 लाख अधिक है। याफू ने कहा कि इनमें विवाह योग्य उम्र की महिलाओं की तुलना में 20 वर्ष की आयु में 1.75 लाख अधिक पुरुष हैं। इसके अलावा आवास की बढ़ती कीमतें और महंगे आवासीय परिसर भी शादी करने और बच्चे पैदा करने की राह में एक बड़ी बाधा है।
उन्होंने कहा कि चीन में शादी और बच्चे के जन्म का आपस में गहरा संबंध है और शादी के बाद पैदा हुए बच्चों का अनुपात कम है। इसलिए विवाह पंजीकरण में गिरावट का जन्म दर पर नकारात्मक प्रभाव होना तय है। इसलिए सुधारात्मक उपायों को तेज किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि युवाओं को शादी करने और बच्चे पैदा करने के लिए प्रोत्साहित करने को लेकर शादी और मातृत्व अवकाश को भी बढ़ाया जाना चाहिए। 60 या उससे अधिक आयु के लोगों की संख्या पहले ही 26.4 लाख का आंकड़ा छू चुकी है, जो कुल आबादी का 18.7 प्रतिशत है।

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