छत्‍तीसगढ़ में आक्सीजन की कमी नहीं

रायपुर।  केंद्र सरकार ने पीएम केयर्स फंड से छत्तीसगढ़ के 14 जिलों में प्रेशर स्विंग एडसार्प्शन PSA मेडिकल आक्सीजन प्लांट लगाने की स्वीकृति दी, मगर भूपेश सरकार के लिए जनता की जान कितनी सस्ती है, उसका पता इस खबर से ही चलता है। शर्मनाक!

राज् सरकार के मुताबिक इस भ्रामक ट्वीट के माध्यम से छत्तीसगढ़ शासन की कार्यनीति और स्वास्थ्य विभाग की योजनाओं को लेकर आम जनता के बीच झूठ का प्रचार किया जा रहा है, जबकि वास्तविकता यह है कि ज्य सरकार द्वारा नाबार्ड पोषित योजना के अंतर्गत प्रथम चरण में सितबंर 2020 में 600 से 1250 एलपीएम क्षमता के 20 स्थानों पर पीएसए प्लांट स्वीकृति किया गया, जिसका निर्माण कार्य नवंबर 2020 में प्रारंभ करते हुए मार्च 2021 तक 20 स्थानों में पीएसए प्लांट स्थापित कर लिया गया था।

कोविड-19 के दूसरे लहर में स्थापित समस्त प्लांट संक्रमित मरीजों के लिए वरदान साबित हुए एवं राज्य बजट से दूसरे चरण में 26 स्थानो पर पीएसए प्लांट की स्वीकृति की गई, जिसका निर्माण कार्य तीव्र गति से प्रगतिरत है। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार द्वारा नाबार्ड पोषित योजना के अंतर्गत 9 स्थानों पर कायोजनिक लिक्वीड आक्सीजन टैंक स्थापित किये जाने की स्वीकृति दी गई है, जिसमें से दुर्ग, राजनांदगाव, अंबिकापुर एवं रामगढ़ में टैंक स्थापित किया गया है एवं शेष स्थानों पर टैक शीघ्र स्थापित किया जाएगा। आक्सीजन मैनिफोल्ड सिस्टम पीएसए प्लाट के बैकअप के रूप में इस लिक्वीड टैंक का उपयोग किया जाना है।

केंद्र सरकार द्वारा पीएम केयर फंड से प्रथम चरण में 4 स्थानों के लिए 200 एलपीएम क्षमता के पीएसए प्लाट नवंबर 2020 में स्वीकृत किए गए, जिसकी स्थापना कोविड-19 के दूसरी लहर के पश्चात जून 2021 मे पूर्ण किया गया। वर्तमान में राज्य शासन से 46 पीसीए प्लांट, सीएसआर मद से 18 पीसीए प्लांट और पीएम केयर फंड से 49 पीसीए प्लांट कुल 113 पीसीए प्लाट छत्तीसगढ़ राज्य में स्थापित किए जा रहे हैं। राज्य शासन द्वारा प्रदेश की आवश्यकता अनुसार आक्सीजन प्लाट की स्थापना करते हुए प्रदेश के अस्पतालों में आक्सीजन की पूर्ति कर प्रदेश में आक्सीजन की कमी नहीं होने दी।

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