छात्र राजनीति से लेकर ‘हिंदू आतंकी’ का आरोप: पढ़ें साध्वी प्रज्ञा की पूरी कहानी

मध्य प्रदेश की भोपाल सीट से लोकसभा चुनाव में बीजेपी का प्रत्याशी कौन होगा? इसे लेकर चर्चाओं का अंत होने का समय आ गया है. कांग्रेस द्वारा दिग्विजय सिंह को भोपाल से प्रत्याशी बनाए जाने के बाद अब बीजेपी हिंदुत्व का चेहरा मानी जाने वाली साध्वी प्रज्ञा को उतारने के बारे में विचार कर रही है. बुधवार को साध्वी प्रज्ञा बीजेपी में शामिल हो गईं और उन्होंने कई नेताओं से मध्य प्रदेश की राजधानी में मुलाकात भी की. इस दौरान राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, बीजेपी संगठन मंत्री रामलाल और राज्यसभा सांसद प्रभात झा मौजूद थे.

बयानों से हमेशा सुर्ख़ियों में रहीं साध्वी प्रज्ञा

आपको बता दें महाराष्ट्र के मालेगांव बम ब्लास्ट केस में आरोपी बनाए जाने के बाद सुर्ख़ियों में आईं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपने बयानों को लेकर हमेशा चर्चा में रहती हैं. हालांकि उस केस में बरी होने के बाद उन्हें रिहा किया गया था. साध्वी प्रज्ञा ठाकुर अपने तीखे बयानों ने हमेशा कांग्रेस को निशाने पर लेती रही हैं.

कौन हैं साध्वी प्रज्ञा ठाकुर

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर पहली बार तब चर्चा में आईं, जब वर्ष 2008 के मालेगांव ब्लास्ट केस में उन्हें गिरफ्तार किया गया था. वह 9 वर्षों तक जेल में रहीं और फिलहाल अभी जमानत पर बाहर हैं. बाहर आने के बाद साध्वी ने कहा था कि उन्हें लगातार 23 दिनों तक यातना दी गई थी. साध्वी प्रज्ञा ने आरोप लगाया है कि तत्कालीन गृहमंत्री पी. चिदंबरम ने 'हिंदू आतंकवाद' का जुमला गढ़ा और इस नैरेटिव को सेट करने के लिए उन्हें झूठे केस में फंसाया.

साध्वी प्रज्ञा वर्ष 2007 के आरएसएस प्रचारक सुनील जोशी हत्याकांड में भी आरोपी थीं, लेकिन कोर्ट ने उन्हें सभी आरोपों से बरी कर दिया. साध्वी प्रज्ञा का जन्म मध्य प्रदेश के भिंड जिले के कछवाहा गांव में हुआ था. हिस्ट्री में पोस्ट ग्रैजुएट प्रज्ञा का शुरुआत से ही दक्षिणपंथी संगठनों की तरफ रुझान था. वह आरएसएस की छात्र इकाई एबीवीपी की सक्रिय सदस्य भी रह चुकी हैं.
साध्वी का भाषण ऐसा होता था कि वह सभी को बांधे रखती थीं. शुरुआत में उनके भाषण का असर भोपाल, देवास, इंदौर और जबलपुर तक ही सीमित रहा. बाद में अचानक उन्होंने अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद छोड़ दी और वह साध्वी बन गईं. गांव-गांव जाकर हिंदुत्व का प्रचार करने लगीं. उन्होंने अपनी कार्यस्थली सूरत को बनाया और वहीं पर एक आश्रम भी बनवाया. हिंदुत्व के प्रचार के कारण वह बीजेपी के नेताओं को प्रभावित करने लगीं और राजनीति में उनका वर्चस्व बढ़ता गया.

साध्वी प्रज्ञा ठाकुर को प्रयागराज कुंभ के दौरान भारत भक्ति अखाड़े की आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया है. प्रज्ञा ठाकुर अब आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी पूर्णचेतनानंद गिरी के नाम से जानी जाती हैं.
 

Leave a Reply