छावनी बना गाजीपुर बॉर्डर : चाय-बिस्‍कुट के साथ हुई आंदोलनरत किसानों की सुबह

नई दिल्ली । दिल्ली में 26 जनवरी को किसानों की ट्रैक्टर परेड में हुई हिंसा के बाद गाजीपुर बॉर्डर इस समय छावनी में तब्दील नजर आ रहा है। यहां एक तरफ जहां बड़ी संख्‍या में प्रदर्शनकारी किसान जमा हैं तो दूसरी तरफ सुरक्षाबल भी कम नहीं। गाजीपुर बॉर्डर पर कई लेयर में बैरिकेडिंग की गई है। साथ ही भारी संख्‍या में सुरक्षाबलों की भी तैनाती की गई है। नए कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन 28 जनवरी के बाद से और तेज हो चला है। रविवार को गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन का 65वां दिन रहा। जिसकी शुरुआत किसानों के लिए चाय-बिस्‍कुट से हुई। दिल्‍ली में रविवार को न्‍यूनतम तापमान 3.1 डिग्री सेल्सियस तक गिर गया। इसके बावजूद बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं। आइए देखते हैं गाजीपुर और सिंघु बॉर्डर का हाल। भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत के मीडिया के सामने रोने के बाद आंदोलन ने फिर से रफ्तार पकड़ ली थी। बड़ी संख्या में किसान फिर से गाजीपुर बॉर्डर पर जमा होने लगे। फिलहाल गाजीपुर बॉर्डर पर सुरक्षा की क्‍या स्थिति है, यह आप ऊपर की तस्‍वीरों में देख सकते हैं।
दिल्‍ली और यूपी को जोड़ने वाले गाजीपुर बॉर्डर की सड़कों पर सन्‍नाटा पसरा है। आंदोलनरत किसान, बैरिकेड्स और सुरक्षा बलों के अलावा कुछ नजर नहीं आ रहा है। दिल्‍ली-एनसीआर इस वक्‍त शीतलहर की चपेट में है। रविवार सुबह दिल्‍ली का न्‍यूनतम पारा 3.1 डिग्री दर्ज हुआ जो सामान्‍य से 5 डिग्री कम है। इसके बावजूद किसान डटे हुए हैं। दिल्‍ली-हरियाणा के बीच स्थित सिंघु बॉर्डर पर भी सुरक्षाबलों की तैनाती में कोई कमी नहीं है। यहां तथाकथित स्‍थानीय लोगों और प्रदर्शनकारियों व पुलिस में झड़प के बाद से फोर्स तैनात है। सिंघु बॉर्डर पर किसानों का धरना रविवार को 67वें दिन में प्रवेश कर गया। 26 जनवरी से पहले, यह आंदोलन की प्रमुख जगह था मगर अब गाजीपुर बॉर्डर पूरे आंदोलन के केंद्र में है।

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