जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को बैठक के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भेजे गए निमंत्रण का स्वागत,कुछ बड़ा होने की उम्मीद

श्रीनगर.यह अच्छा है कि केंद्र ने यह महसूस किया है कि मुख्यधारा के क्षेत्रीय दलों के बगैर केंद्र शासित प्रदेश में ''चीजें काम नहीं करेंगी .'' जम्मू-कश्मीर में नेशनल कांफ्रेंस (National Conference) और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (PDP) सहित मुख्यधारा के सभी क्षेत्रीय दलों के भीतर सोमवार को लगातार दूसरे दिन गहन राजनीतिक विचार-विमर्श जारी रहा.
जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा समाप्त होने के बाद मुख्यधारा के छह दलों ने पीएजीडी का गठन किया था. प्रधानमंत्री के निमंत्रण पर चर्चा करने के लिए पीएजीडी के नेता मंगलवार को नेकां के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला के आवास पर बैठक करेंगे. पीडीपी ने जहां अपनी अध्यक्ष महबूबा मुफ्ती को बैठक में शामिल होने के बाबत अंतिम निर्णय लेने का अधिकार दिया है. वहीं, गठबंधन बैठक के बाद संयुक्त रणनीति के साथ सामने आ सकता है.
पीपुल्स कॉन्फ्रेंस को ''कुछ बड़ा'' की उम्मीद
वहीं, पीपुल्स कांफ्रेंस ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों को बैठक के लिये प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की ओर से भेजे गए निमंत्रण का स्वागत किया और उम्मीद जतायी कि इस बैठक में ''कुछ बड़ा'' होगा. सज्जाद लोन के नेतृत्व वाली पीपुल्स कांफ्रेंस ने कहा कि दिल्ली और जम्मू-कश्मीर की जनता के बीच नया सामाजिक संपर्क स्थापित करने के लिये सभी हितधारकों को मिलकर काम करने की जरूरत है.
पार्टी के एक प्रवक्ता ने कहा कि प्रधानमंत्री के निमंत्रण के संदर्भ में लोन ने पार्टी नेताओं की बैठक की अध्यक्षता की. प्रवक्ता ने कहा, ''बैठक में शामिल नेताओं ने प्रधानमंत्री की पहल की सराहना करते हुए आशा व्यक्त की कि इस बैठक में कुछ बड़ा होगा और इससे लोकतंत्र की बहाली व जम्मू-कश्मीर की जनता के सशक्तिकरण के रास्ते खुलेंगे.''
बातचीत के बुलाने का बदलाव 'अच्छा'
नेशनल कांफ्रेंस के कश्मीर के प्रांतीय अध्यक्ष नासिर असलम वानी ने बताया, ''हम यह कहते आ रहे हैं कि पिछले दो सालों में जमीन पर कोई बदलाव नहीं हुआ है. यह अच्छा है कि उन्हें यह महसूस हुआ है कि स्थानीय मुख्यधारा की पार्टियों के बगैर काम नहीं चलेगा. उनके सभी बड़े-बड़े वादे धरातल पर खोखले साबित हो गए और इससे कुछ भी हासिल नहीं हुआ है.'' उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर में मुख्यधारा की पार्टियों को बदनाम करने से हटकर उन्हें बातचीत के लिये बुलाने का बदलाव ''अच्छा'' है .

'नेशनल कॉन्फ्रेंस के बिना आगे नहीं बढ़ सकते'
वानी ने कहा, ''यह एक अच्छा बदलाव है. जम्मू कश्मीर की मुख्य धारा के राजनीतिक दलों को आप कितना भी बदनाम कर लें, लेकिन उनके बगैर आप कुछ नहीं कर सकते हैं क्योंकि जम्मू कश्मीर की मुख्य धारा ने हमेशा इसे साबित किया है. उन्होंने कहा, ''उस मामले में नेशनल कांफ्रेंस को शामिल किये बगैर इस तरह के संवादों और इस तरह के सम्मेलनों में आप आगे नहीं बढ़ सकते हैं, क्योंकि यह पूववर्ती प्रदेश की जड़ों से जुड़ी प्रमुख राजनीतिक पार्टी है.''
पांच अगस्त 2019 को अनुच्छेद 370 का खात्मा
केंद्र सरकार ने पांच अगस्त 2019 को संविधान के अनुच्छेद 370 के तहत प्रदेश को मिले विशेष दर्जे के अधिकतर प्रावधानों को वापस लेते हुये जम्मू कश्मीर प्रदेश को दो केंद्र शासित क्षेत्रों – जम्मू कश्मीर एवं लद्दाख- में बांट दिया था. उधर, पीएजीडी के अन्य सहयोगियों माकपा, भाकपा, पीपुल्स मूवमेंट और अवामी नेशनल कांफ्रेंस ने बैठक के बारे में ज्यादा कुछ नहीं कहा है.
24 जून को पीएम की अध्यक्षता में बैठक
इस बीच, जम्मू-कश्मीर प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के राज्यसभा में नेता रहे गुलाम नबी आजाद और जम्मू-कश्मीर मामलों के पार्टी प्रभारी रजनी पाटिल के साथ ऑनलाइन बैठक की. कांग्रेस के एक प्रवक्ता ने कहा कि इस दौरान, पार्टी के स्थानीय नेताओं ने इस मुद्दे पर अपने विचार साझा किए. जम्मू-कश्मीर पैंथर्स पार्टी (जेकेएनपीपी) के संस्थापक भीम सिंह ने सोमवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में 24 जून को होने वाली सर्वदलीय बैठक में वह हिस्सा लेंगे.

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