जल्लीकट्टू: आज अनशन करेंगे रहमान, श्री श्री और सदगुरु ने भी की बैन हटाने की मांग
तमिलनाडु के प्रचलित खेल जल्लीकट्टू पर बैन के खिलाफ हंगामा आज भी जारी है. ऑस्कर विजेता संगीत निर्देशक ए आर रहमान ने घोषणा की है कि वह नादिगर संगम के सदस्यों के साथ आज एक दिन का उपवास करेंगे. यह उपवास वह जल्लीकट्टू पर बैन के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों के साथ एकजुटता जाहिर करने के लिए करेंगे. नादिगर संगम दक्षिण भारतीय कलाकारों का संघ है. रहमान ने गुरुवार को ट्विटर पर लिखा था कि मैं तमिलनाडु की भावना के समर्थन में शुक्रवार को उपवास कर रहा हूं.
तमिल फिल्म बिरादरी के कई कलाकार जल्लीकट्टू के समर्थन में उपवास में भाग लेंगे. हजारों पुरुष और महिलाएं जल्लीकट्टू पर से बैन खत्म किए जाने की मांग कर रहे हैं. तमिलनाडु में जल्लीकट्टू के समर्थन में आज भी व्यापक प्रदर्शन जारी है.
चेन्नई में मरीना बीच पर पूरी रात प्रदर्शनकारियों का जमावड़ा रहा. यहां पर लोगों ने जल्लीकट्टू पर बैन के खिलाफ टॉर्च लाइट प्रोटेस्ट किया.
मरीना बीच पर इकट्ठे हुए हजारों युवकों और युवतियों ने न केवल जल्लीकट्टू से बैन हटाने की मांग की, बल्कि उन्होंने पशु अधिकार संगठन पीपुल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनिमल्स (पेटा) पर बैन लगाने की भी मांग की.
चेन्नई और राज्य के अन्य हिस्सों में स्थित कई कॉलेजों में अवकाश घोषित कर दिया गया है, जिसके चलते मरीना पर और भी छात्रों के प्रदर्शन में शामिल होने की संभावना है. लोगों के प्रदर्शन को देखते हुए प्रशासन ने भी सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. तमिनाडु में जगह-जगह पर पुलिस कर्मी तैनात हैं.
ए आर रहमान के अलावा दक्षिण सिनेमा के कई हस्तियों- रजनीकांत, कमल हसन और वेत्रिमारन ने बैन के खिलाफ विरोध के प्रति समर्थन जताया है.
जल्लीकट्टू के समर्थन में उतरे श्री श्री, सदगुरु और विश्वनाथन आनंद
वहीं, आध्यात्मिक गुरु श्री श्री रविशंकर ने भी जल्लीकट्टू पर लगे बैन को हटाने का समर्थन किया. रविशंकर ने कहा कि मैं तमिलनाडु के लोगों के साथ हूं. मैं उनकी भावनाओं को समझता हूं और पूरा समर्थन देता हूं. यह खेल जानवर के प्रति न तो क्रूरता है और न ही लोगों को चोटिल करता है. सदगुरु ने भी ऐसी है मांग की है. उन्होंने कहा है कि जानवरों को समर्पित एक तरह का जश्न का तैयार है. आप लोगों कों उनकी संस्कृति से दूर नहीं कर सकते हैं, मुख्यतौर से ग्रामीण क्षेत्रों में, इसलिए जल्लीकट्टू पर बैन हटाना चाहिए.
पूर्व विश्व चैंपियन विश्वनाथन आनंद को पशुओं से बहुत प्यार है और वह तमिलनाडु के पारंपरिक खेल जल्लीकट्टू का समर्थन करते हैं.
वहीं दूसरे ट्वीट में उन्होंने कहा कि मेरा शहर फिर से उभर रहा है. एकता के साथ, शांति के साथ. एक तमिलनाडु निवासी होने पर गर्व है. यहां की युवा पीढ़ी आधुनिक है, लेकिन अपनी संस्कृति से जुड़ी हुई है.
क्या है जल्लीकट्टू?
जल्लीकट्टू, तमिनाडु का एक पारंपरिक खेल है. यह खेल हर साल पोंगल पर्व के दौरान खेला जाता है. इस खेल में बैल को काबू करना होता है. उछलते हुए बैल पर कूद कर बैठने होता है. सुप्रीम कोर्ट ने जल्लीकट्टू पर मई 2014 में प्रतिबंध लगा दिया था. इस बैन के पीछे कोर्ट ने कहा कि बैल को एक प्रदर्शक जानवर के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जा सकता है. तभी से लोग केंद्र सरकार खेल को अनुमति दिए जाने के लिए कदम उठाने का अनुरोध कर रहे हैं.