जवानों के विडियो-तस्वीरें शेयर करने पर लगा बैन

सोशल मीडिया पर बगैर इजाजत तस्वीरें और विडियो शेयर नहीं कर सकेंगे जवान, गृह मंत्रालय ने जारी कीं गाइडलाइंस

 

नई दिल्ली
गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को पैरामिलिटरी जवानों द्वारा सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगा दिया गया। यह कदम तब उठाया गया है जबकि एक के बाद एक पैरामिलिटरी जवानों के विडियो सामने आ रहे थे जिनमें वे ड्यूटी के दौरान खराब खाने से लेकर अपने खिलाफ होने वाली ज्यादती की शिकायत कर रहे थे।

द टेलिग्राफ की रिपोर्ट के अनुसार, अगर कोई भी जवान ट्विटर, फेसबुक, वॉट्सऐप, इंस्टाग्राम या यू ट्यूब आदि सोशल मीडिया पर तस्वीर या विडियो पोस्ट करना चाहता है तो उसके लिए अपनी फोर्स के डायरेक्टर जनरल से इजाजत लेनी होगी। हालांकि, तस्वीरों और विडियोज की तरह निजी मेसेज पोस्ट करने पर कोई पाबंदी नहीं है।

7 केंद्रीय पैरामिलिटरी फोर्सेज के डायरेक्टर जनरल को इस बाबत गाइडलाइंस भी जारी कर दी गई हैं कि सर्विस रूल्ज प्रविजन को सख्ती से लागू कराया जाए। बता दें कि इसके तहत किसी भी जवान को आॅफिशल मामलों पर निजी मत पब्लिक डोमेन में एयर करने का हक नहीं है।

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री किरण रिजिजू ने कहा,'हमारी सरकार जवानों की समस्याओं के निस्तारण के लिए प्रतिबद्ध है। सेना के अनुशासन में कोई गिरावट नहीं आए, इसके लिए गाइडलाइंस जारी कर दी गई हैं।'

बता दें कि एक बीएसएफ जवान ने सोशल मीडिया पर सोमवार को कुछ​ विडियोज पोस्ट किए थे। इनमें उसने खुलासा किया था कि जवानों को खराब क्वॉलिटी का खाना दिया जाता है और यहां तक कि उनको अक्सर भूखे पेट ही सोना होता है। उसने अपने उच्चाधिकारियों पर सरकार द्वारा भेजे जाने वाले राशन को बेचने का आरोप भी लगाया था।

इसके बाद सीआरपीएफ के एक जवान का विडियो सामने आया जिसमें उसने सैलरी, पेंशन और खाने को लेकर आर्मी और पैरामिलिटरी फोर्सेज में भेदभाव को उजागर किया था।

गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने कहा,'ये दोनों वाकये चौंकाने वाले हैं। ​अब बगैर इजाजत के विडियोज और तस्वीरों को शेयर करने पर सर्विस रूल्ज के तहत कार्रवाई होगी।'

इं​टेलिजेंस ब्यूरो के एक अधिकारी ने बैन का संदर्भ बताया। उन्होंने कहा कि पिछले नवंबर में कुछ सैनिक अपने मोबाइल से सीक्रेट आॅपरेशंस को शूट करते पाए गए थे, जो कि सोशल मीडिया में भी आ गए। उन्होंने कहा,'यह सरकार के लिए चुनौती बन गया है। सोशल मीडिया पर गुप्त जानकारी शेयर होने से अनुशासन पर आंच आती है।'

नई गाइडलाइंस के मुताबिक, अब से संबंधित विभाग का डायरेक्टर जनरल ही आॅपरेशन या किसी सर्विस मामले को लेकर सोशल मीडिया पर ​तस्वीरें, विडियोज, टेक्स्ट या कोई अन्य जानकारी शेयर करने की इजाजत दे सकेगा।

इसके साथ ही गाइडलाइंस में इस बात का भी जिक्र है कि अगर किसी सैनिक की कोई शिकायत है तो वह ई-लेटर्स के जरिए कंप्लेन कर सकेगा और इसपर तत्काल सुनवाई के साथ ही इसका निस्तारण सुनिश्चित किया जाएगा।

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