जवानों को बम ब्लास्ट से उड़ाने की थी साजिश, नक्सलियों के इस मंसूबे को गाय ने किया नाकाम

बीजापुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बीजापुर (Bijapur) में नक्सलियों (Naxalite) ने सुरक्षा बल के जवानों को बम ब्लास्ट (Bomb Blast) से उड़ाने की साजिश रची थी. इसके तहत प्रेशर बम प्लांट किया गया था, मगर एक गाय (Cow) ने नक्सलियों की इस मंसूबे को नाकाम कर दिया, लेकिन एक बार फिर नक्सलियों के इस नापाक मंसूबे की शिकार एक बेजुबां हो गई. जवानों को नुकसान पहुंचाने के लिए प्लांट की गई प्रेशर आईईडी (IED) पर गाय का पैर पड़ गया, जिससे आईईडी ब्लास्ट हो गया और इसकी चपेट में आकर गाय की मौके पर ही मौत (Death) हो गई.
छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 2 दशक से लाल आतंक का दंश झेल रहे बस्तर (Bastar) के बीजापुर (Bijapur) से दिल दहला देने वाली ऐसी तस्वीर निकल कर सामने आई है. जिसे देखकर कहा जा सकता है कि विचारधारा से भटक चुके नक्सली अपना आतंक बनाये रखने के लिए किसी भी हद तक जा सकते हैं. बीजापुर को सुकमा के जगरगुंडा से जोड़ने के लिए स्टेट हाईवे का निर्माण कार्य चल रहा है. इलाका नक्सलियों के कब्जे में होने के कारण सुरक्षा व्यवस्था के बीच सड़क निर्माण का कार्य करवाया जा रहा है. बीजापुर टी प्वाइंट से तर्रेम तक सडक का निर्माण कार्य पूरा हो चुका है.
 सीआरपीएफ की 168वीं बटालियन दे रही सुरक्षा
तर्रेम में सुरक्षा की दष्टिकोण से सीआरपीएफ 168वीं बटालियन के जवानों को बेस कैम्प में तैनात किया गया है. यहां नक्सली सड़क निर्माण कार्य में खलल डालने के लिए आये दिन अपने नापाक मंसूबे जाहिर करते रहते हैं. बुधवार को सुबह जब सड़क का निर्माण कार्य शुरू हुआ, तब ही नक्सलियों के लगाये प्रेशर आईईडी में एक जबरदस्त विस्फोट हुआ, जिसमें एक गाय की दर्दनाक मौत हो गयी.
 कुछ ही दूर काम कर रहे थे मजदूरबताया जा रहा है कि मवेशी चारे की तलाश में भटक रहे थे. इसी दौरान एक जबरदस्त विस्फोट हुआ. विस्फोट के गूंज से घबराये मवेशी सड़क की तरफ भाग आये. कुछ ही दूर पर सड़क निर्माण कार्य में लगे मजदूरों की मानें तो गाय का पिछला पैर प्रेशर आईईडी पर पडने की वजह से ये विस्फोट हुआ. सीआरपीएफ 168वीं बटालियन के सीओ वीके  चौधरी ने बताया कि नक्सलियों ने जहां आईईडी प्लांट किया उसके नजदीक ही हैंडपंप है, जिसका इस्तेमाल तर्रेम गांव के ग्रामीण करते हैं. चौधरी बताते है कि तर्रेम गांव में सीआरपीएफ कैंप न खुले इसके लिए नक्सलियों ने ग्रामीणों के माध्यम से प्रशासन और पुलिस पर दबाव बनवाना चाहा था, मगर ग्रामीणों ने इस फरमान का विरोध किया था.

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