जानिए जगन्नाथ पुरी मंदिर परिक्रमा परियोजना से जुड़ी खास बातें

भारत में तीर्थ स्थलों की कमी नहीं है। जम्मू से लेकर कन्याकुमारी तक हर जगह तीर्थस्थल बने हुए हैं जहां लाखों की संख्या में भक्तों की भीड़ जमा होती है।

इन्हीं में से एक लोकप्रिय तीर्थ स्थल उड़ीसा का जगन्नाथ मंदिर है। ये एक हिन्दू मन्दिर है, जो भगवान जगन्नाथ (श्रीकृष्ण) को समर्पित है। यह भारत के ओडिशा राज्य के तटवर्ती शहर पुरी में स्थित है। जगन्नाथ का अर्थ जगत के स्वामी होता है। इनकी नगरी को ही जगन्नाथपुरी या पुरी कहा जाता है।जगन्नाथ मन्दिर को हिन्दुओं के चार धाम में से एक माना जाता है। महाप्रभु जगन्नाथ के दर्शन करने भारत के कोने कोने से भक्त आते हैं। इन भक्तों को जगन्नाथ पूरी में कोई दिक्कत ना हो इसका ख्याल एसजेटीएमसी (SJTMC) यानी श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति रखता है। तीर्थ यात्रियों का विशेष ख्याल रखने के लिए श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति ने मंदिर परिक्रमा परियोजना की शुरुवात की है।श्री जगन्नाथ मंदिर प्रबंधन समिति का गठन 'श्री जगन्नाथ मंदिर अधिनियम, 1955 (राष्ट्रपति द्वारा स्वीकृत) के तहत हुआ था। ये समिति इसीलिए बनाई गई थी ताकि ये जगन्नाथ पूरी मंदिर की सभी सम्पत्ति के प्रबंधन का काम देख सके।बता दें कि श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना का शिलान्यास 24 नवंबर,2021 को ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने किया था। ओडिशा सरकार श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना का काम पीएसयू अर्थात ओडिशा ब्रिज एंड कंस्ट्रक्शन कॉर्पोरेशन लिमिटेड (OBCC) के जरिए कर रही है। आइए जानते हैं इस मंदिर परिक्रमा परियोजना के बारे में कुछ खास बातें।

1) मंदिर परिक्रमा परियोजना के अनुसार जगन्नाथ पुरी मंदिर के चारों ओर 75 मीटर का गलियारा बनाया जाएगा। ये गलियारा इस उद्देश्य से बनाया जा रहा है ताकि उस गलियारे से भक्तों को जगन्नाथ मंदिर, मेघनाद पचेरी और नीलचक्र का नज़ारा एक साथ दिखाई दे सके। ये गलियारा मुख्य रूप से जगन्नाथ मंदिर की बाहरी दीवार ( मेघनाद पचेरी) के चारों ओर बनाया जाएगा। इस गलियारे को काफी मजबूत और खूबसूरत बनाने की परियोजना है।

2) श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना में तीर्थयात्रियों की सुविधा और सुरक्षा बढ़ाने का भी कार्य होगा। इस परियोजना में तीर्थयात्रियों को ज्यादा सुविधा देने के लिए मुख्य रूप से तीन चीज़ों पर काम किया जाएगा। ये तीन चीज़ें हैं हेरिटेज कॉरिडोर, जन सुख-सुविधाएं और मठ का पुनर्विकास।

3) इस परियोजना के अन्तर्गत तीर्थयात्रियों की सुख सुविधा का विशेष ख्याल रखा जाएगा। इसके लिए हेरिटेज कॉरिडोर का निर्माण कराया जा रहा है जहां तीर्थयात्रियों के लिए विभिन्न विभिन्न तैयारियां की गई हैं।

4) इस परियोजना के अनुसार आप जैसे ही मंदिर परिसर में प्रवेश करेंगे आपको लाइन में लगने से पहले जूते,मोबाइल और अपना सामान रखने करने के लिए क्लॉक रूम मुहैया कराया जाएगा। इस क्लॉक रूम में करीब चार हजार लोग अपना सामान जमा करवा सकते हैं। इसके अलावा श्री जगन्नाथ रिसेप्शन सेंटर में लगभग 6,000 तीर्थयात्रियों को कतार प्रबंधन की सुविधा दी जाएगी।

5) श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना में तीर्थयात्रियों के लिए पीने का पानी, हाथ- पांव धुलने की सुविधा, बाथरूम की सुविधा, किताबों की दुकान आदि की भी सुविधा मौजूद करवाई जाएगी।

6) इसके अलावा तीर्थयात्रियों के आराम करने के लिए विश्राम स्थल भी बनाया जाएगा।इस परियोजना में एटीएम की सुविधा, पुलिस सेवा केन्द्र, चिकित्सा सुविधा जैसी चीजें भी उपलब्ध कराई जाएंगी।

7) श्री मंदिर परिक्रमा परियोजना में मठ का पुनर्विकास सबसे महत्वपूर्ण योजना में से एक है। मठ का पुनर्विकास परियोजना के अनुसार श्री जगन्नाथ हेरिटेज कॉरिडोर के 75 मीटर छेत्रफल के भीतर जितने भी मठ मंदिर मौजूद हैं उनका पुनर्विकास किया जाएगा। ये पुनर्विकास कार्य साधारण और विशेष परंपराओं में वास्तुकला की कलिंगन शैली को ध्यान में रखकर ही किया जाएगा। इतना ही नहीं वहां पर मौजूद सभी मंदिरों में गर्भ गृह, नाता मंडप जगमोहन और नाता मंडप के लिए भी पुनर्विकास कार्य कराया जाएगा।

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