जानिए, रुद्राभिषेक के लाभ, धन से लेकर मोक्ष तक की होगी प्राप्ति

भोलेनाथ अपने नाम के अनुरुप बहुत भोले हैं। भगवान शिव एक लोटा जल से भी प्रसन्न होकर अपने भक्तों के सारे कष्ट हर लेते हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने से व्यक्ति की सारी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। वहीं रुद्राभिषेक करने से व्यक्ति की कुंडली से पातक कर्म एवं महापातक भी जलकर भस्म हो जाते हैं। कहा जाता है कि भगवान शिव के पूजन से सभी देवताअों की पूजा स्वत: हो जाती है। 

हमारे शास्त्रों में विविध कामनाओं की पूर्ति के लिए रुद्राभिषेक के पूजन के निमित्त अनेक द्रव्यों तथा पूजन सामग्री को बताया गया है। विशेष अवसर पर या सोमवार, प्रदोष और शिवरात्रि आदि पर्व के दिनों में मंत्र, गोदुग्ध या अन्य दूध मिलाकर अथवा केवल दूध से भी अभिषेक किया जाता है। विशेष पूजा में दूध, दही, घृत, शहद और चीनी से अलग-अलग अथवा सबको मिलाकर पंचामृत से भी अभिषेक किया जाता है। इस प्रकार विविध द्रव्यों से शिवलिंग का विधिवत अभिषेक करने पर अभीष्ट कामना की पूर्ति होती है। वहीं रुद्राभिषेक से कालसर्प योग, गृहक्लेश, व्यापार में नुकसान, शिक्षा में रुकावट सभी कार्यों की बाधाएं भी दूर होती हैं। 

भगवान शिव के रुद्राभिषेक के लाभ

शिवलिंग का जलाभिषेक करने से वर्षा होती है। 
कुशोदक अर्थात ऐसा जल जिसमें कुश घास की पत्तियां छोड़ी गई हों से रुद्राभिषेक करें। इससे असाध्य रोगों से मुक्ति मिलती है।
दही से रुद्राभिषेक करने से भवन-वाहन की प्राप्ति होती है। 
शिवलिंग पर गन्ने के रस से अभिषेक करने पर अपार लक्ष्मी मिलती है। 
शहद व घी से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से धन में वृद्धि होती है। 
तीर्थ के जल से शिवलिंग पर रुद्राभिषेक करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है। 
रोगों से मुक्ति हेतु इत्र से अभिषेक करने से लाभ होता है। 
दूध से रुद्राभिषेक करने से पुत्र रत्न की प्राप्ति होती है। 
शीतल जल या गंगा जल से रुद्राभिषेक करने से ज्वर से शांति मिलती है। 
सहस्रनाम-मंत्रों का उच्चारण करते हुए घृत की धारा से रुद्राभिषेक करने पर वंश का विस्तार होता है।
दूध में शक्कर मिलाकर रुद्राभिषेक करने के मंदबुद्धि भी विद्वान हो जाता है।
शत्रुअों से परेशान हैं तो सरसों के तेल से शिवलिंग पर अभिषेक करने से दुश्मन पराजित होंगे।

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