डूबने के कगार पर है जकार्ता, पर्यावरणविदों ने किया आगाह

जकार्ता । जल का प्रकोप केवल बारिश बाढ़ बनकर नहीं बल्कि समुद्री जल से ही होता है। पृथ्वी पर सबसे तेजी से डूबने वाले शहरों में से एक जकार्ता को लेकर पर्यावरण विशेषज्ञों ने चेताया है कि अगर यही रफ्तार जारी रही तो इसका एक तिहाई हिस्सा 2050 तक डूब सकता है। दशकों से भूजल भंडार के अनियंत्रित दोहन, समुद्र का बढ़ता जलस्तर और तेजी से बदलते मौसम इनके कारणों में शामिल है।
इसके कुछ हिस्से अभी से गायब होने शुरू हो गए हैं। मौजूदा पर्यावरणीय उपायों का बहुत कम प्रभाव पड़ा है। इसलिए सरकार कठोर कदम उठा रही है। इसके तहत देश की राजधानी को बदलने का फैसला किया गया है। स्थानीय रिपोर्टों के अनुसार, इसके स्थान की घोषणा जल्द की जा सकती है। इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो ने ट्विटर पर कहा, ‘हमारे देश की राजधानी बोर्नियो द्वीप पर स्थानांतरित हो जाएगी।’ देश के प्रशासनिक और राजनीतिक केन्द्र को स्थानांतरित करना राष्ट्रीय संरक्षण का एक कार्य हो सकता है, लेकिन यह जकार्ता के लिए प्रभावी रूप से मौत की घंटी है।

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