देवरिया बालिका गृह कांड मामले की हाईकोर्ट में सुनवाई आज

देवरिया, देवरिया बालगृह बालिका कांड में आज फिर हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। पिछली बार कोर्ट ने विवेचना की प्रक्रिया पर असंतोष जताते हुए जमकर फटकार लगाई थी। संस्था की मान्यता स्थगित होने के बाद भी लड़कियों को शरण दिलाने वाले पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई न किए जाने पर कड़ी नाराजगी जताई थी। 20 अगस्त की तिथि पर इसकी विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करने को कहा था।

कोर्ट की फटकार के बाद आननफानन में शासन ने एसपी रोहन पी. कनय, पूर्व एसपी राकेश शंकर, सीओ दयाराम सिंह गौर को हटाते हुए विभागीय कार्रवाई के निर्देश दिए थे। कोतवाल विजय सिंह गौर व चौकी प्रभारी जटाशंकर सिंह को निलंबित कर दिया गया था।

इस मामले में अभी उन पुलिसकर्मियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जो संस्था की मान्यता स्थगित होने के बाद भी लड़कियों को शरण दिलाने के जिम्मेदार रहे। हालांकि शासन स्तर से उनकी सूची तैयार कराते हुए 15 दिन मेें कार्रवाई के लिए डीजीपी को निर्देश दिए जा चुके हैं। इस सूची में जिले के करीब 122 इंस्पेक्टर व एसआई के नाम शामिल हैं। माना जा रहा है कि सोमवार की सुनवाई में इन पर हुई कार्रवाई पर विशेष जोर रहेगा।

यही कारण है कि पुलिस महकमे में इसे लेकर खलबली मची हुई है। संबंधित पुलिसकर्मी कार्रवाई को लेकर सहमे हुए हैं तो उनमें उच्चाधिकारियों के प्रति असंतोष भी है। उनका कहना है कि उन्होंने सिर्फ उच्चाधिकारियों के आदेश का पालन किया है।

एक इंस्पेक्टर ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि डीएम की ओर से पत्र जारी होने के बाद भी विभागीय अफसरों ने उन्हें कोई लिखित आदेश नहीं दिया। लिहाजा कोई अन्य विकल्प न होने से गुमशुदा व बरामद होने वाली लड़कियों को बालिका गृह में रखा जाता रहा। ऐसे में कार्रवाई अफसरों पर ही होनी चाहिए।

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