देश में बढ़ेगी गायों की आबादी : सरकार की योजना

नई दिल्ली . सरकार गायों की आबादी बढ़ाने के लिए एक प्लान ले कर आई है. सरकार ने एक ऐसी योजना शुरू की है, जिससे बछियों का जन्म ज्यादा होगा, बछिया ही आगे चल कर गाय बनती है जबकि बछड़े बड़े हो कर बैल बन जाते हैं.  बहुत से लोग ये डर दिखा रहे थे कि मवेशियों की बिक्री पर रोक के बाद बैलों की आबादी बढ़ जाएगी. 

वजह यह है कि आमतौर पर बैलों का जन्म ज्यादा होता है. वो समस्या बन जाते हैं. बूचड़खाने में कत्ल के लिए मवेशियों की बिक्री पर रोक के बाद भी देश में बैलों की आबादी नहीं बढ़ेगी.  मशीनों के कारण अब खेती में भी इनका इस्तेमाल कम हो गया है. दूसरी तरफ गायों के कम होने से दूध का उत्पादन भी कम हो जाता है, लेकिन अब ऐसा नहीं होगा. 

एक अंदाजा है कि नए तरीके से अगर 9 बछिया पैदा होंगी तो उन पर सिर्फ एक ही बछड़ा पैदा होगा. इससे गायों की संख्या बढ़ जाएगी और धीरे-धीरे बैल कम होते जाएंगे. उनकी आबादी पर लगाम लगेगी. तो बैल कम हों और गाय ज्यादा हों इसलिए ऐसा वैज्ञानिक तरीका अपनाने की तैयारी शुरू हो गई है, जिससे बछियों का ही जन्म हो. यानी गाय से बछड़ा होगा या बछिया ये जानने के लिए अब उनके जन्म का इंतजार नहीं करना होगा.

असल में पहले जब जन्म होने के बाद ही पता चलता था कि बछिया हुआ है या बछड़ा. इस वजह से देश में बैलों की संख्या बढ़ रही थी. कृषि मंत्रालय के मुताबिक देश में गाय हो, बैल हो या बाकी मवेशी हों, उनकी आबादी 3 करोड़ है. अब देखते हैं इनमें से दूध देने वाले कितने हैं. इनकी संख्या सिर्फ 85 लाख ही है जबकि बैल, सांड़ और ऐसे बाकी मवेशी मिला लें तो ये 84 लाख हैं, यानी वो मवेशी जो दूध नहीं देते. जिनका अब कोई खास इस्तेमाल या फायदा भी नहीं रहा है. ऐसे मवेशी एक तरह से बोझ हैं और आगे चल कर समस्या बन जाते हैं, इसलिए दुनिया के तमाम देशों जैसे- अमेरिका, कनाडा, यूरोप के देश, मेक्सिको, ब्राजील, चीन और ऑस्ट्रेलिया में अब वैज्ञानिक तरीके से बछियों का जन्म कराया जाता है.

जहां नए तरीके से देशों में गायों की आबादी बढ़ गई. अब भारत में भी ये तरीका अपनाया जाएगा जो बछिये के जन्म की गारंटी देगा. इसमें बछियों का जन्म वैज्ञानिक तरीके से कराया जाएगा, जिसमें गाय को वैज्ञानिक तरीके से गर्भवती कराने के लिए X क्रोमोजोम का इस्तेमाल होगा. क्रोमोजोम मतलब शरीर की सेल, यानी कोशिका के DNA का हिस्सा. अब इसमें भी वो हिस्सा लिया जाएगा जो X क्रोमोजोम हों. जैसे इंसानों में होता है उसी तरह से गायों में भी X क्रोमोजोम ही तय करते हैं कि गाय बछियों को जन्म देगी और बछड़ा पैदा नहीं होगा.

माना ये जा रहा है कि नए वैज्ञानिक तरीके में इस बात की 90% संभावना होगी कि गाय बछिये को ही जन्म दे. ये ज्यादा महंगा भी नहीं है. इस तरीके से गायों को एक बार गर्भवती कराने का खर्च 1,500 रुपये ही आएगा. ये योजना तभी सफल होगी जब किसान इस नई तकनीक को ज्यादा से ज्यादा अपनाएंगे. इसकी जरूरत भी है क्योंकि देश में अभी सालाना डेढ़ करोड़ टन दूध का उत्पादन हो रहा है, लेकिन 2021 तक 2 करोड़ टन दूध की जरूरत होगी. उन्हें लावारिस छोड़ दिया जाता है जो ट्रैफिक की समस्या खड़ी करते हैं. फसल चौपट कर देते हैं.

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