धन के देवी-देवता को मनाने का गुप्त उपाय, गुरूवार से करें आरंभ

 

 

 

 

जब परमात्मा ने पृथ्वी का संचालन किया तो प्रत्येक देवी-देवता को अलग-अलग कार्यभार सौंपा गया। धन के देवता कुबेर और धन की देवी लक्ष्मी को बनाया गया। यह मनुष्य को मालामाल बनाकर सुख और वैभव संपन्न जीवन प्रदान करते हैं। इन्हें प्रसन्न करने के लिए ज्योतिष और वास्तु शास्त्र में बहुत सारे ऐसे गुप्त उपाय बताए गए हैं, जिससे पैसों की तंगी दूर होती है और एक-एक पैसे के लिए संघर्ष करने की नौबत नहीं आती। इन उपायों को करने से पूर्व मन में पूर्ण श्रद्धा और विश्वास रखें।


निर्धनता को दूर करने के लिए बृहस्पतिवार को शिवलिंग पर जल में हल्दी मिलाकर  अभिषेक करें।


उत्तर दिशा से धन के देवी-देवता घर में प्रवेश करते हैं, इस ओर साफ-सफाई का विशेष ध्यान दें। इस दिशा में श्री यंत्र स्थापित करके प्रतिदिन विधान पूर्वक पूजन करें। घर में हो रहे अनावश्यक खर्चे पर विराम लगेगा।


घर में धन का अच्छा प्रवाह हो लेकिन रुकता न हो तो शुक्ल पक्ष के बृहस्पतिवार को घर की लक्ष्मी बहन, बेटी या बहू से घर के मुख्य द्वार के दोनों तरफ गंगाजल से पवित्र करवाएं। फिर उससे हल्दी और दही के घोल से दाहिने हाथ की अनामिका अंगुली से स्वास्तिक बनाने को कहे। अब उस पर छोटा सा गुड़ का टुकड़ा और शहद की एक बूंद लगा दें। इस उपाय को हर गुरूवार करने से धन संबंधित सभी समस्याओं का नाश होगा।


आर्थिक समृद्धि बढ़ाने के लिए सुबह के समय
बारह वर्ष से छोटे बच्चों को खट्टी-मीठी टॉफियां बांटें।


धब्बेदार कुत्ते को खाना खिलाएं।  


हल्दी एवं केसर से गल्ले पर स्वास्तिक बनाएं।


ध्यान रखें
आटे को कभी भी बर्बाद न करें और न जमीन पर गिरने दें।


जिस स्थान पर आप अपना धन रखते हैं, उसका मुंह उत्तर दिशा की ओर खुलना चाहिए।

 

 

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