नजरबंद होने पर बोला हाफिज सईद, मोदी-ट्रंप की दोस्ती ने ये दिन दिखाए!

लश्‍कर-ए-तैयबा के प्रमुख हाफिज सईद को पाकिस्‍तानी अधिकारियों ने हिरासत में लेकर 6 महीने के लिए नजरबंद कर दिया है. ऐसी अटकलें हैं कि यह कार्रवाई अमेरिका की उस चेतावनी के बाद की गई है जिसमें अमेरिका ने कहा है कि अगर जमात उद दावा के खिलाफ कार्रवाई नहीं की गई तो वह पाकिस्‍तान पर प्रतिबंध लगा सकता है. जमात उद दावा का प्रमुख भी हाफिज सईद ही है.

नजरबंदी से कुछ घंटे पहले सईद ने कहा कि अगर ‘दबाए हुए कश्मीरियों’ की आवाज उठाने के लिए उसके संगठन पर किसी तरह का अंकुश लगाया जाता है तो उसे कोई परवाह नहीं है. उसने नवाज शरीफ सरकार को चतावनी दी कि अगर कोई अंकुश लगाया जाता है तो उसका संगठन अदालत का रुख करेगा. ये सभी बातें सोशल मीडिया टि्वटर पर की जा रही हैं.

इस टि्वटर हैंडल पर कश्मीर का जिक्र किया गया है. @AmeerJamatDawah नाम के एक टि्वटर हैंडल से कुछ ट्वीट किए गए हैं. इसमें हाफिज की तरफ से कथित तौर पर यह दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तान में कहीं भी उसके खिलाफ एफआईआर नहीं दर्ज है.

हाफिज की तरफ से कहा जा रहा है कि अगर उसे गिरफ्तार किया गया तो भी लाखों लोग कश्मीर के खिलाफ आवाज उठाते रहेंगे. ट्वीट में लिखा गया है कि अगर कश्मीर के खिलाफ बोलना अपराध है तो वह ऐसा करता रहेगा.

इतना ही नहीं, नजरबंद होने के बाद भी हाफिज सईद अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है और टि्वटर हैंडल से लगातार भारत और अमेरिका के खिलाफ आग उगल रहा है. नरेंद्र मोदी की दोस्ती में ट्रंप ने कार्रवाई कराई एक वीडियो में हाफिज सईद ने कहा, ‘’इस वक्त चूंकि ट्रंप नया-नया अमेरिका का राष्ट्रपति बना है और इस वक्त वो मोदी से गहरी दोस्ती निभाना चाहता है. हमारा अमेरिका से कोई मसला नहीं है. मोदी इसके लिए जोर डाल रहा है.’’ उसके खिलाफ की गई कार्रवाई भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दबाव की वजह से हुई है. पीएम मोदी से दोस्ती की वजह से अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने पाकिस्तान पर दबाव डाला और नवाज़ शरीफ को मजबूरी में हाफिज सईद को नजरबंद करना पड़ा.

गौरतलब है कि तीन दिन पहले पंजाब के गृह मंत्रालय ने सईद और चार अन्य (अब्दुल्ला उबैद, जफर इकबाल, अब्दुर रहमान आबिद और काजी कासिफ नियाज) के नाम संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के 1267 प्रस्तावों के तहत निगरानी सूची में डाल दिए थे तथा इनको एहतियातन हिरासत में लेने का आदेश दिया था. हाफिज के साथ उबैद, इकबाल, आबिद और नियाज को भी नजरबंद किया गया हैय इससे पहले पाकिस्तान के गृहमंत्री चौधरी निसार अली खान ने बयान दिया था कि 2011 से ही जमात-उद-दावा की गतिविधियों पर नजर रखी जा रही है.

पंजाब सरकार ने यह कदम उस वक्त उठाया गया है जब ट्रंप प्रशासन की ओर से आतंकवाद को लेकर कदम उठाने का दबाव बढ़ा है. जमात-उद-दावा प्रतिबंधित लश्कर-ए-तैयबा का मुखौटा संगठन है. लश्कर 2008 के मुंबई हमले सहित कई आतंकवादी घटनाओं के लिए जिम्मेदार है. संयुक्त राष्ट्र ने जून, 2014 में जमात-उद-दावा को विदेशी आतंकवादी संगठन घोषित किया था.

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