नवरात्रि का व्रत रखते समय भूलकर भी न करें ये 8 काम, वरना मां दुर्गा हो जाएंगी रुष्ट!

चैत्र नवरात्रि 13 अप्रैल से शुरू होने जा रहे हैं. ये पर्व मां दुर्गा को समर्पित है. इस दौरान मां दुर्गा के 9 स्वरूपों की अराधना की जाती है. नवरात्रि में मां दुर्गा की विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है और उनसे जीवन में सुख समृद्धि और शांति की प्रार्थना की जाती है. मां प्रसन्न होकर अपने भक्तों पर अपनी कृपा बनाए रखती हैं. मगर नवरात्रि पर नौ दिनों का व्रत रखते समय कुछ नियमों का पालन भी करना होता है, जिससे मां दुर्गा प्रसन्न होती हैं. अगर इन नियमों का पालन नहीं किया जाता है तो मां दुर्गा की आराधना में विघ्न उत्पन्न होता है, इससे मां दुर्गा नाराज होती हैं. मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए इन बातों का विशेष ध्यान रखें.

नवरात्रि का व्रत रखते समय भूलकर भी न करें ये 8 काम

1. नवरात्रि में अगर आप घर में अखंड ज्योति जला रहे हैं तो इन दिनों घर खाली छोड़कर कहीं न जाएं. अगर घर से बाहर जाना जरूरी है तो किसी रिश्तेदार या खास परिचित को घर में रहने दें
2. जो लोग व्रत रखते हैं उन्हें विशेष तौर पर इस बात का ध्यान रखना होता है कि नौ दिनों तक नाखून, दाढ़ी-मूंछ और सिर के बाल नहीं कटवाने हैं. ये सारे काम नवरात्रि प्रारंभ होने से पहले ही निपटा लें या फिर नवरात्रि खत्म होने के बाद करें
3. व्रत रखने वाले लोगों को चमड़े से बनी चीजें जैसे बेल्ट, चप्पल, जूते या बैग का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
4. व्रत रखने वाले लोगों को नौ दिन तक नींबू नहीं काटना चाहिए. साथ ही खाने में प्याज, लहसुन और मांस का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए
5. नौ दिन का व्रत रखने वाले लोगों को गंदे और बिना धुले कपड़े नहीं पहनने चाहिए
6. विष्णु पुराण में इस बात का ज़िक्र है कि नवरात्रि व्रत के दौरान दिन में नहीं सोना चाहिए
7. पुरुष और महिला दोनों ही इस बात का विशेष ध्यान रखें कि नवरात्रि में व्रत के दौरान शारीरिक संबंध ना बनाएं
8. व्रत के दौरान तंबाकू और शराब का का सेवन न करें. ऐसा करने से मां दुर्गा का व्रत सफल नहीं होता है

घटस्थापना शुभ मुहूर्त

घटस्थापना मुहूर्त – 13 अप्रैल सुबह 05:28 से 10:14 तक
घटस्थापना काअभिजीत मुहूर्त – सुबह 11:56 से दोहपर 12:47 तक

नवरात्रि घटस्थापना विधि
नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करें
पूरे घर की साफ-सफाई करके ईशान कोण में एक लकड़ी की चौकी बिछाएं
इसके बाद एक मिट्टी का चौड़े मुंह वाला बर्तन लेकर उसमें मिट्टी रखें
मिट्टी के पात्र में थोड़ा सा पानी डालकर मिट्टी गिली करके उसमें जौं बो दें
अब उसके ऊपर एक मिट्टी का कलश या फिर पीतल के कलश में जल भरें और उसके ऊपरी भाग (गर्दन) में कलावा बांधें
कलश में एक बताशा, पूजा की सुपारी, लौंग का जोड़ा और एक सिक्का डालें
अब कलश के ऊपर आम या अशोक के पत्तें लगाएं
एक जटा वाला नारियल लेकर उसके ऊपर लाल कपड़ा लपेटकर मौली बांधकर कलश के ऊपर रख दें
इसके बाद सबसे पहले गणपति वंदन करें और कलश पर स्वास्तिक बनाएं
घटस्थापना पूरी होने के पश्चात मां दुर्गा का आह्वान करते हुए विधि-विधान से माता शैलपुत्री का पूजन करें
 

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