नारी शक्ति की सहभागिता से ही साकार होगा नया भारत के निर्माण का प्रधानमंत्री का सपनाः मुख्यमंत्री

अहमदाबाद | मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने स्पष्ट तौर पर कहा है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नया भारत के निर्माण और भारत को आर्थिक महासत्ता या पांच ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था के रूप में स्थापित करने के सपने कोनारी शक्ति के प्रत्येक क्षेत्र में योगदान और सहभागिता से ही साकार किया जा सकेगा। इस संदर्भ में श्री रूपाणी ने कहा कि देश की आधी आबादी यानी महिलाओं में अंतर्निहित शक्ति, सूझबूझ और सामर्थ्य को बाहर लाकर महिलाओं को भी समान अवसर प्रदान कर नया भारत के निर्माण में गुजरात सक्रिय योगदान देगा। 8 मार्च अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए उन्होंने यह बात कही। 
मुख्यमंत्री विजय रूपाणी ने इस मौके पर गुजरात सरकार की अनोखी पहल के रूप में राज्य की आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और सहायक बहनों को मानद वेतन का भुगतान प्रत्यक्ष लाभ अंतरण (डीबीटी) के जरिए सीधे उनके बैंक खाते में जमा करने की पारदर्शी प्रणाली का शुभारंभ किया। आंगनवाड़ी सहायक बहनों को अब वेतन का भुगतान सीधे बैंक खाते में जमा करने की गुजरात की पहल को उन्होंने पारदर्शी व्यवस्था, फेसलेस सिस्टम और बिचौलिया उन्मूलन की दिशा में और एक ठोस कदम करार दिया। उन्होंने कहा कि, हमारी सरकार साफ नीयत और नेक नीति से निर्णय लेकर किसी को कहीं भी भ्रष्टाचार का शिकार न बनना पड़े उस प्रतिबद्धता के साथ सेवारत है। मुख्यमंत्री ने व्हाली दीकरी योजना पर रोशनी डालते हुए कहा कि योजना के अंतर्गत बेटी के जन्म के बाद उसकी पढ़ाई की चिंता करते हुए सरकार पहली कक्षा में प्रवेश के समय 4 हजार रुपए से शुरू कर 18 वर्ष की उम्र में उच्च शिक्षा और विवाह के लिए कुल मिलाकर 1 लाख रुपए प्यारी बेटियों को प्रदान करती है। राज्य सरकार ने इसके लिए भारतीय जीवन बीमा निगम (एलआईसी) को फंड मैनेजर के तौर पर जिम्मेदारी सौंपकर एमओयू किया है। इस व्हाली दीकरी योजना के क्रियान्वयन और संचालन एजेंसी के रूप में एलआईसी के साथ राज्य सरकार के महिला एवं बाल विकास विभाग के बीच हुए एमओयू के तहत एलआईसी को 22 करोड़ रुपए का चेक सौंपा। मुख्यमंत्री ने महिला एवं बाल कल्याण मंत्री गणपतसिंह वसावा और राज्य मंत्री श्रीमती विभावरीबेन दवे की उपस्थिति में जेंडर डैशबोर्ड और विभाग की योजनागत जानकारी से संबंधित डिजिटल बुक को भी लॉन्च किया। महानुभावों ने इस अवसर पर महिला स्वावलंबन योजना के चेक तथा व्हाली दीकरी योजना के लाभार्थियों को चेक वितरित किए। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारी संस्कृति में नारी गौरव व सम्मान की परंपरा किसी एक दिन विशेष के लिए सीमित नहीं है बल्कि निरंतर चलने वाली उज्ज्वल परंपरा है। इस संबंध में उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा कि सनातन संस्कृति में मातृशक्ति को देवी के रूप में पूजा जाता है। यही नहीं, सीता-राम, राधा-कृष्ण और उमा-महेश समान देवों की पूजा में भी पहला नाम व स्थान नारी शक्ति को दिया गया है। रूपाणी ने कहा कि नारी शक्ति में अनोखी शक्ति, सामर्थ्य और सूझबूझ अंतर्निहित होते हैं। घर-परिवार का प्रबंधन और बच्चों का भरण-पोषण करने वाली माता-बहनों के बिना सशक्त समाज की परिकल्पना ही असंभव है। उन्होंने शिवाजी को जन्म देने वाली माता जीजाबाई और कृष्ण का लालन-पालन करने वाली माता यशोदा के दृष्टांतों पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि वर्तमान दौर में महिला शक्ति के जोश-जज्बे और उनकी शक्तियों का उपयोग समाज के सर्वग्राही विकास के लिए करने और महिलाओं को भी सार्वजनिक जीवन और प्रबंधन में सक्रिय बनाने के लिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने पंचायतों सहित स्थानीय निकाय की संस्थाओं में 50 फीसदी और सरकारी नौकरियों में 33 फीसदी आरक्षण प्रदान कर महिला शक्ति को योग्य अवसर और सम्मान दिया है। उन्होंने कहा कि राज्य की बेटियां कुपोषित न रहें और उन्हें पढ़ाई का समान अवसर मिले उसके लिए राज्य सरकार ने महिला सशक्तिकरण की अनेक पहल शुरू की है। विधवा माता-बहनों को लाचारगी का अनुभव न करना पड़े उसके लिए गंगास्वरूपा जैसा सम्मानजनक नाम देकर उन्हें मिलने वाली सहायता में भी बढ़ोतरी कर 1250 रुपए की सहायता दी जाती है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि गुजरात में महिलाओं की सलामती और सुरक्षा के लिए अभयम 181 हेल्पलाइन, बेटियों के साथ दुष्कर्म के मामले में दोषियों को सख्त कैद और फांसी तक की सजा, फास्ट ट्रैक कोर्ट के जरिए मामलों की सुनवाई और चेन स्नेचरों के खिलाफ भी सख्ती की प्रतिबद्धता के साथ राज्य सरकार कार्यरत है। उन्होंने समाज के उद्योग, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य सहित सार्वजनिक जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में नारी शक्ति के सामर्थ्य को और भी उजागर कर गुजरात को उत्तम से सर्वोत्तम बनाने की मंशा जताई। रूपाणी ने महिलाओं के स्वावलंबन के लिए रोजगार, गृह उद्योग और व्यवसाय के लिए सहायता उपलब्ध कराने को राज्य सरकार के साथ खड़े होने का उल्लेख करते हुए कहा कि गुजरात में नारी तू नारायणी को चरितार्थ करता अलग महिला एवं बाल कल्याण विभाग अनेक महिला कल्याण योजनाओं के साथ कार्यरत है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री महिला स्वावलंबन योजना से अनेक माता-बहनों और स्वयं सहायता समूहों ने छोटे व्यवसायों के जरिए आर्थिक आधार प्राप्त किया है। 
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस वर्ष के बजट में जेंडर बजट के अंतर्गत महिला सशक्तिकरण की विभिन्न योजनाओं और सौ फीसदी महिला केंद्रित योजनाओं के लिए कुल मिलाकर दोनों श्रेणियों में गत वर्ष की तुलना में 8692.63 करोड़ रुपए की बढ़ोतरी की गई है। उन्होंने आह्वान किया कि इन योजनाओं का लाभ उठाकर महिला शक्ति राज्य की विकास यात्रा में कंधे से कंधा मिलाकर सहभागी बने। 
महिला एवं बाल कल्याण मंत्री गणपतसिंह वसावा और राज्य मंत्री श्रीमती विभावरीबेन दवे ने अपने वक्तव्य में राज्य सरकार की महिला कल्याण योजनाओं की विस्तृत जानकारी दी। महिला एवं बाल कल्याण विभाग की सचिव एवं आयुक्त श्रीमती मनीषा चंद्रा ने स्वागत भाषण में कार्यक्रम के आयोजन का ब्यौरा दिया। इस अवसर पर महिला आयोग की अध्यक्ष श्रीमती लीलाबेन अंकोलिया, गांधीनगर की महापौर श्रीमती रीटाबेन पटेल, आयुक्त डॉ. रतन चारण गढवी, जिला विकास अधिकारी श्रीमती शालिनी दूहान सहित कई अग्रणी महिलाएं और लाभार्थी बहनें उपस्थित थीं। 

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