नेपाल में संसद भंग करने के खिलाफ 2 पूर्व प्रधानमंत्रियों ने शुरू किया प्रदर्शन
काठमांडू । नेपाल के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली के लिए संसद भंग करने का फैसला भारी पड़ता नजर आ रहा है। ओली के इस फैसले के बाद नेपाल में राजनीतिक संकट गहरा गया है। पहले ओली को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी से निष्कासित कर दिया गया और अब देश के दो पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और माधव कुमार नेपाल ने ओली के इस फैसले के विरोध में धरना प्रदर्शन शुरू कर दिया है। दोनों पूर्व प्रधानमंत्री नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक गुट का नेतृत्व कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि पिछले साल 20 दिसंबर को तत्कालीन प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली ने संसद के निचले सदन को भंग कर दिया था। इसके बाद से देश में उनके खिलाफ प्रदर्शन हो रहा है। फैसले को सु्प्रीम कोर्ट में भी चुनौती दी गई है। इससे पहले सत्तारूढ़ नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी के एक प्रतिद्वंद्वी गुट के छात्रसंघ ने दोनों के नेतृत्व में शनिवार को संसद को भंग करने के कदम के विरोध में कार्यवाहक प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली का पुतला जलाया।
गौरतलब है कि पार्टी की केन्द्रीय समिति ने विरोधी गुट के नेताओं की बार-बार धमकियों के बीच ओली को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। इन नेताओं ने नेपाल की संसद भंग करने के मुद्दे पर उनकी सदस्यता समाप्त करने की धमकी दी थी। विरोधी गुट के प्रवक्ता नारायण काजी श्रेष्ठ ने ओली के निष्कासन के बाद उनके खिलाफ आगे की कार्रवाई की बात की है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ओली और पूर्व प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल प्रचंड के बीच सत्ता को लेकर संघर्ष चल रहा है।