सड़क हादसों के घायलों का कैशलेस इलाज

नई दिल्ली । केंद्र सरकार ने सड़क हादसों में घायल होने वालों के लिए कैशलेस इलाज योजना को अंतिम रूप दे दिया है। इसके तहत प्रति घायल अधिकतम 1,50,000 रुपए तक के इलाज का कवरेज होगा। साथ ही अस्पतालों के लिए ये अनिवार्य होगा कि दुघर्टना में घायल व्यक्ति को तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू करें। केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने ये योजना तैयार की है। इसे नए वित्तीय वर्ष (2021-2022) से लागू किए जाने की संभावना है। मोटर वाहन अधिनियम-2019 में केंद्र को सड़क दुर्घटना के घायलों के कैशलेस इलाज की योजना तैयार करने का अधिकार दिया गया था। योजना के तहत मोटर वाहन दुर्घटना फंड बनाया जाएगा। इसके माध्यम से दुर्घटना में घायलों के इलाज के अलावा हादसे में मृत व्यक्ति के परिवार के लिए सहायता राशि दी जाएगी।
मुआवजा सरकार तय करेगी
साथ ही हिट एंड रन हादसों में गंभीर रुप से घायल हुए लोगों के लिए अलग से मुआवजे की भी व्यवस्था होगी। सहायता राशि और मुआवजा केंद्र सरकार तय करेगी। यह योजना देश के लिए बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि हर साल 5 लाख हादसों में डेढ़ लाख मौतें होती है और करीब 3.5 लाख लोग घायल होकर अपंग हो जाते हैं। अस्पतालों के लिए यह अनिवार्य होगा कि दुघर्टना में घायल व्यक्ति को तुरंत भर्ती कर इलाज शुरू करें। घायल के पूरी तरह स्थिर होने तक कैशलेस इलाज चलेगा। घायल को अस्पताल लाने या दूसरे अस्पताल में ले जाने का खर्च भी इसमें शामिल होगा। प्रति घायल अधिकतम 1,50,000 रुपए तक के इलाज का कवरेज होगा। पीएम-जय के तहत आने वाले घायलों को उपचार में स्थिर होने के बाद के इलाज का कवर मिल सकेगा।
दुर्घटना कोष में तीन खाते बनेंगे
कैशलेस योजना के लिए बनने वाले मोटर वाहन दुर्घटना फंड में तीन खाते होंगे। एक खाता उन घायलों के लिए होगा जो बीमा कवर वाले वाहनों के पीडि़त होंगे। इस फंड के लिए देश की सभी बीमा कंपनियां न्यूनतम राशि का प्रावधान रखेंगी। दूसरा खाता गैर-बीमा वाले वाहनों या हिट एंड रन के मामलों के पीडि़तों के लिए होगा। राष्ट्रीय राजमार्ग पर लगने वाले उपकर और जुर्माने की राशि से यह पैसा आएगा। तीसरे खाते से 'हिट एंड रनÓ के पीडि़तों को मुआवजा दिया जाएगा। इसका फंड जनरल इंश्योरेंस से आएगा।

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