नेशनल पेंशन सिस्टम में निवेश के हैं 5 बड़े फायदे, चेक करें डीटेल्स

अब ज्यादातर सरकारी और प्राइवेट सेक्टर से जुड़े लोग पेंशन स्कीम में निवेश करना चाहते हैं, ताकि रिटायमेंट के बाद पैसों की दिक्कत न आए। ऐसे में उनके लिए सबसे बेहतर विकल्पों में से एक NPS स्कीम है। एनपीएस स्कीम पर बात करते हुए PFRDA पर सुप्रीम बंद्योपाध्याय कहते हैं, 'यह स्कीम निवेशकों को कई तरह की सुविधाएं देता है। ऐसे निवेशक जो रिस्क पसंद करते हैं वह 75% तक का अपना पैसा इक्विटी में लगा सकते हैं। NPS बेहतर रिटर्न देन के साथ-साथ 2 लाख रुपये तक की टैक्स में बचत भी करवाता है।' कोई भी भारतीय जिसकी उम्र 18 साल से 70 साल के बीच हो वह इसमें इनवेस्टमेंट कर सकता है। 

आइए जानते हैं NPS के 5 फायदे 

अपने सुविधा के हिसाब से इन्वेस्टमेंट की छूट: इस स्कीम की सबसे बड़ी खासियत यही है कि इसमें कोई अपर या लोअर लिमिट नहीं होती है। यानी निवेशक पर कोई दबाव नहीं रहता है किश्तों को लेकर। 

पति और पत्नी दोनों कर सतके हैं इनवेस्टमेंट: पति और पत्नी इसमें अलग-अलग इनवेस्टमेंट कर सकते हैं। अगर दोनों लोग अपना फैमिली बिजनेस चला रहा रहे हैं तो इसमें निवेश के जरिए अपना बुढ़ापा सुरक्षित कर सकते हैं। साथ ही इस स्कीम में निवेश करने पर दोनों लोग अलग-अलग टैक्स के लिए क्लेम कर सकते हैं। 

कर्मचारी और कंपनी दोनों का फायदा: कर्मचारियों पर विश्वास दिखाने का यह एक बेहतर जरिया हो सकता है। कंपनी अपने कर्मचारियों के लिए इस स्कीम में इनवेस्ट कर सकती है। इससे जहां एक तरफ कर्मचारी खुश रहेंगे, वहीं दूसरी तरफ कंपनी बिजनेस खर्च के तहत इस निवेश पर इनकम टैक्स के नियम सेक्शन 36 (1) (IVa) तहत क्लेम कर सकती है। 

टैक्स छूट : सेल्फ इम्प्लाॅयड व्यक्ति अपने सालाना निवेश का 20 प्रतिशत टैक्स में छूट के लिए क्लेम कर सकेगा। वहीं, ऐसे कर्मचारी जो कि वेतनभोगी हैं अपने नियोक्ता के द्वारा इनवेस्टमेंट करने पर भी टैक्स में छूट ले सकता है। 

उद्यमी भी कर सकते हैं इनवेस्टमेंट: इस स्कीम में इनवेस्टमेंट का एक फायदा यह भी है कि अगर आप कंपनी बंद हो जाती है किसी वजह से तब आप व्यक्तिगत रुप में इसमें इनवेस्टमेंट करते रह सकते हैं। क्योंकि यह एक व्यक्तिगत निवेश माना जाता है। 

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