पटना हादसा: सवाल- किसकी गलती ने ली 24 लोगों की जानें?

पटना नाव हादसा: प्रशासनिक चूक और अम्यूज़मेंट पार्क बड़ी वजह

पटना
बिहार की राजधानी पटना में मकर संक्रांति पर्व के अवसर पर शनिवार को आयोजित पतंग उत्सव में भाग लेकर लौट रही एक नाव गंगा नदी में डूब गई। रविवार की सुबह तीन और शवों के निकाले जाने से इस घटना में मृतकों की संख्या अब बढ़कर 24 हो गई है और कई लोग लापता हैं। पीएम नरेंद्र मोदी ने हादसे पर दुख जताते हुए मृतकों के परिजनों को दो-दो लाख रुपये देने का ऐलान कर दिया है।

गंगा दियारा में हादसे की शिकार हुई नाव में 50 से ज्यादा लोग सवार थे। एनडीआरएफ की तीन टीमें रेस्क्यू ऑपरेशन में लगी हुई हैं। प्रशासन ने घटना की जांच के आदेश दे दिए हैं, लेकिन आइए नजर डालते हैं उन प्रमुख तथ्यों पर जो इस हादसे की बड़ी वजह बने।

प्रशासनिक लापरवाही
महज कुछ दिनों पहले ही प्रकाश पर्व का शानदार आयोजन कर हर तरफ से वाहवाही लूटने वाली बिहार सरकार और प्रशासन से इतनी बड़ी चूक कैसे हो गई। प्रकाश पर्व आयोजन से संबंधित तैयारियों की निगरानी खुद मुख्यमंत्री के अलावा मुख्य सचिव और डीजीपी स्तर के अधिकारी तक कर रहे थे। जबकि पतंग उत्सव की तैयारियों को लेकर इस तरह का कोई दावा नहीं किया गया था।

अम्यूज़मेंट पार्क
आयोजन स्थल के पास में ही बने डॉल्फिन आइलैंड अम्यूज़मेंट पार्क को भी हादसे की बड़ी वजह माना जा रहा है। जिस जगह पर सरकार ने पंतगबाजी का आयोजन किया था उससे थोड़ी ही दूरी पर ये अम्यूज़मेंट पार्क भी है, जहां लोग अधिक संख्या में मौजूद थे। स्थानीय लोगों के मुताबिक जो नाव डूबी, उस पर सवार लोगों में भारी संख्या इस अम्यूज़मेंट पार्क में घूमने आए लोगों की भी थी। इस अम्यूज़मेंट पार्क का निर्माण अवैध है। इसे बिना किसी सरकारी या प्रशासनिक मंज़ूरी के ही बनाया गया है।

नाव पर अधिक लोगों की मौजूदगी
स्थानीय लोगों के मुताबिक नाव में क्षमता से अधिक लोग मौजूद थे। इस नाव पर 50 से भी अधिक लोग सवार थे, जो कि हादसे की मुख्य वजह बनी। पतंगोत्सव में करीब 75 हजार लोगों ने भाग लिया और शाम होने पर सब वापस लौटने की जल्दी में थे।

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