पाक, भारत के साथ तनाव को द्विपक्षीय तरीके से ही सुलझाएं : ट्रंप 

वॉशिंगटन । कश्मीर पर पाकिस्तान को एक बार फिर मात खानी पड़ी है। कश्मीर राग अलापते हुए पाक पीएम ने एक बार फिर अमेरिकी राष्ट्रपति से बात कर मुद्दे को गरमाने की कोशिश की पर कामयाब नहीं हो सका। इस बार ट्रंप ने साफ कह दिया कि पाकिस्तान भारत के साथ अपने तनाव को द्विपक्षीय तरीके से सुलझाएं। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 पर भारत सरकार के फैसले का पाकिस्तान जानबूझकर अंतरराष्ट्रीयकरण करना चाहता है।
पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान जब अमेरिका में थे तो कहते-कहते राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मध्यस्थता की बात कर दी। इस पर इमरान फूले नहीं समाए। उन्हें लगा कि जैसे उन्हें बड़ी कामयाबी मिल गई। वह पाकिस्तान लौटकर भाषणों में इसका जिक्र करने लगे। उधर, ट्रंप को जब उनके सलाहकारों ने समझाया तो उन्होंने मध्यस्थता की बात से यूटर्न लेते हुए अपने बयान को संशोधित कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर भारत और पाकिस्तान दोनों देश चाहेंगे तो वह मध्यस्थता के लिए तैयार हैं।
अब एक बार फिर पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने शुक्रवार को अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से फोन पर बात की। इस दौरान कश्मीर का भी जिक्र हुआ तो अमेरिकी राष्ट्रपति ने भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता के जरिए तनाव कम किए जाने पर जोर दिया। जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा हटाने और उसे दो केंद्र शासित प्रदेशों में विभाजित करने के भारत के फैसले को लेकर न्यूयॉर्क में संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में हुई बैठक से पहले ट्रंप और इमरान ने फोन पर बातचीत की।
बैठक के बाद वाइट हाउस के उप-प्रेस सचिव होगान गिडले ने कहा, ‘राष्ट्रपति ने जम्मू-कश्मीर में हालात के संबंध में भारत और पाकिस्तान के बीच द्विपक्षीय वार्ता के जरिए तनाव कम करने की महत्ता बताई।’ उन्होंने कहा कि दोनों नेताओं ने अमेरिका और पाकिस्तान के बीच बढ़ते संबंधों को आगे बढाने के तरीकों पर चर्चा की। इससे पहले, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने इस्लामाबाद में कहा था कि इमरान खान ने संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में सुरक्षा परिषद की बैठक के संबंध में अमेरिकी राष्ट्रपति को भरोसे में लिया है। रेडियो पाकिस्तान ने कुरैशी के हवाले से कहा, 'प्रधानमंत्री इमरान खान ने कश्मीर के ताजा घटनाक्रम और क्षेत्रीय शांति पर इसके खतरे के संबंध में पाकिस्तान की चिंता से अवगत कराया है।' हालांकि पाकिस्तान और चीन की दाल संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में भी नहीं गली। कश्मीर पर चर्चा का कोई आधिकारिक बयान भी जारी नहीं हुआ। 

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