पीएम मोदी : 2014 के बाद देश में 55 प्रतिशत मेडिकल कॉलेज बढ़े

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने गुरुवार को वाराणसी में अखिल भारतीय शिक्षा समागम कार्यक्रम का उद्घाटन किया। इस मौके पर उन्होंने कहा कि अखिल भारतीय शिक्षा समागम कार्यक्रम ऐसे समय पर हो रहा है जब देश आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है। इस समागम में नई शिक्षा नीति पर जो मंथन होगा, उससे निकला अमृत देश को नई दिशा देगा। राष्ट्रीय शिक्षा नीति का मूल आधार शिक्षा को संकुचित सोच के दायरे से बाहर निकालकर उसे 21वीं सदी के आधुनिक विचारों से जोड़ना है। हमारे देश में टैलेंट की कोई कमी नहीं रही। दुर्भाग्य से हमें ऐसी व्यवस्था बनाकर दी गई थी जिसमें पढ़ाई का मतलब सिर्फ नौकरी माना जाता रहा। अंग्रेजों ने भारत में शिक्षा को अपने लिए सेवक वर्ग तैयार करने के लिए किया था। आजादी के बाद इसमें कुछ बदलाव हुए और कुछ रह गए।अखिल भारतीय शिक्षा समागम कार्यक्रम में पीएम मोदी ने कहा, 'हम केवल डिग्रीधारक युवा न तैयार करें, बल्कि देश को आगे बढ़ाने के लिए जितने भी मानव संसाधन की जरूरत हो, हमारी शिक्षा व्यवस्था देश को दे। इसकी व्यवस्था हमारे शिक्षकों व शिक्षण संस्थानों को करना है।  हमारे युवा स्किल्ड हो, प्रैक्टिकल हों, कैलकुलेटिव हों, कॉन्फिडेंट हों, शिक्षा नीति इसके लिए जमीन तैयार कर रही है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति अब मातृभाषा में पढ़ाई के रास्ते खोल रही है। इसी क्रम में, संस्कृत जैसी प्राचीन भारतीय भाषाओँ को भी आगे बढ़ाया जा रहा है।'

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