बाबा ही चाहते थे कि यहां का विकास मेरे हाथ से हो: केदारनाथ में मोदी

देहरादून.नरेंद्र मोदी शुक्रवार को केदारनाथ मंदिर पहुंचे। उन्होंने यहां भगवान शिव का रुद्राभिषेक किया। इससे पहले वे 3 मई को केदारनाथ मंदिर गए थे। मोदी ने यहां 5 योजनाओं की नींव रखी। बता दें कि केदारनाथ के कपाट शनिवार को बंद हो रहे हैं। मोदी ने कहा कि मैनें यहां कुछ साल बिताए थे। लेकिन बाबा चाहते थे कि मैं देश के सवा सौ करोड़ बाबाओं की सेवा करूं। सभी को शुभकामनाएं…

 

– मोदी ने कहा, "बाबा केदार का आशीर्वाद सभी पर बना रहे। यही कामना करता हूं।"

– "कल देश-दुनिया में दिवाली का पावन पर्व मनाया गया। इस मौके पर देश-दुनिया में फैले हमारे सभी बंधुओं को अनेक-अनेक शुभकामनाएं देता हूं।"

– गुजरात जैसे कुछ राज्य हैं, जहां आज नववर्ष प्रारंभ हो रहा है। नूतन वर्ष का अभिनंदन है।"

– "विश्व भर में फैले हुए वो सभी परिवार, जो आज नूतन वर्ष का प्रारंभ करते हैं, उनको भी मेरी तरफ से नववर्ष की बहुत-बहुत शुभकामनाएं देता हूं।"

फिर एक बार बाबा ने मुझे बुला लिया

– मोदी ने कहा, "फिर एकबार बाबा ने मुझे बुला लिया। फिर एक बार खिंचा चला आया बाबा के चरणों में।"

– "जहां जीवन के महत्वपूर्ण वर्ष बिताने का मुझे मौका मिला था। वो वर्ष जब मैं इस मिट्टी में रम गया था। लेकिन शायद बाबा की इच्छा नहीं थी कि मैं उनके चरणों में जीवन बिताऊं। बाबा ने सोचा होगा कि एक बाबा क्या देश में सवा करोड़ बाबा हैं उनकी सेवा करो। हमारे यहां कहा गया है कि जग सेवा ही प्रभु सेवा।"

बाबा चाहते थे कि मेरे हाथ से काम हो

– मोदी ने कहा, "मैं एक बार फिर यहां से संकल्पबद्ध होकर ऊर्जा लेकर जा रहा हूं कि 2022 में आजादी की 75वीं सालगिरह और भारत को दुनिया का सिरमौर बनाने के संकल्प से हर भारतीय जी जान से जुटेगा।"

– "मैं सबसे पहले इस पवित्र धरती पर प्राकृतिक आपदा के जो शिकार हुए, देश के हर राज्य में से किसी न किसी ने अपनी देह यहीं छोड़ दी और बाबा की धरती में रम गया। उन सभी पुण्य आत्माओं को मैं आदरपूर्वक श्रद्धांजलि देता हूं।" 

– "उस समय मेरी स्वाभाविक संवेदनशीलता थी। मैं किसी राज्य का मुख्यमंत्री था। दूसरे राज्य में दखल करने का मुझे हक नहीं था, लेकिन मैं खुद को रोक नहीं पाया और मैं यहां चला आया था।" 

– "मैंने उस समय की सरकार से प्रार्थना की थी कि आप गुजरात सरकार को केदारनाथ के पुनर्निमाण का काम दे दीजिए। मैं देशवासियों का सपना पूरा कर दूंगा। उस वक्त के उत्तराखंड के सीएम और अफसर राजी हो गए। मैंने भी मीडिया पर अपना संकल्प जाहिर किया।"

– "टीवी पर खबर आ गई। इससे दिल्ली में तूफान मच गया। उन्हें लगा कि गुजरात का यह मुख्यमंत्री केदारनाथ पहुंच जाएगा। इसके बाद उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पर दबाव आया। उन्होंने एक घंटे बाद ही कह दिया कि गुजरात को यह जिम्मा नहीं सौंपा जाएगा हम ही करेंगे।"

– लेकिन बाबा को शायद मंजूर था कि यह काम मेरे हाथों से हो तो मैं यहां आ गया। बाबा ने यह तय कर दिया कि यह काम मुझे करना ही होगा। मैं कपाट बंद होने से पहले यहां पहुंच गया हूं। बाबा के चरणों में नमन करता हूं। यहां भव्य निर्माण होने का शिलान्यास हो रहा है।" 

केदारनाथ में 24 घंटे होंगी सुविधाएं

– मोदी ने कहा, "24 घंटे बिजली-पानी होगी। सड़क को बहुत चौड़ा कर दिया जाएगा।" 

– "यात्रियों को यहां आने के बाद यहां पूजा का सामान लेना हो। बैंक की जरूरत हो, कम्प्यूटर हो इन सब का इंतजाम होगा। आज यहां पांच परियोजनाओं का प्रारंभ हो रहा है।

– मार्ग पूरा आरसीसी होगा। लाइटिंग की व्यवस्था रहेगी। सभी भक्ति संगीत सुनते आएंगे।" 

– "मंदाकिनी और सरस्वती के पास रिटेनिंग वॉल और घाट बनाए जाएंगे।

– एक पूरी चिंतन धारा सैकड़ों वर्ष तक प्रेरित करती रही। उनका समाधिस्थल भी इस आपदा में नष्ट हो गया। मैं आदिशंकर का दिव्य समाधिस्थल बनाने का प्लान बना रहा हूं।"

– "मैं जानता हूं कि खर्च होगा, लेकिन मैं जानता हूं कि धन की यह देश कमी नहीं होने देगा। मैं देश की सरकारों को भी इसमें सहभागी होने में आमंत्रित करूंगा। उद्योग जगत को हाथ बंटाने के लिए कहूंगा।"

– "जब इतना सारा धन यहां लगेगा। इन्फ्रास्ट्रक्चर का इतना काम होगा उसमें पर्यावरण के नियमों का ख्याल रखा जाएगा। उसमें आधुनिकता होगी, लेकिन केदारनाथ की आधुनिकता भी बनी रहेगी।"

पहाड़ का पानी और जवानी उन्हीं के काम आए

– मोदी ने कहा, "मैं हिमालय की गोद में बहुत भटका हुआ इंसान हूं। मैंने हर इलाके की चेतना को महसूस किया है। हिमालय की गोद में ऑर्गनिक फार्मिंग पूरे विश्व के लिए बहुत बड़ी संभावना वाली जगह मैं देखता हूं।" 

– "सिक्किम में 12-15 लाख टूरिस्ट आते हैं। सिक्किम ने पूरा राज्य ऑर्गनिक बनाया है। हिमालय की गोद में केमिकल फर्टिलाइजर न डालें, खेत के अंदर दवाइयों का छिड़काव बंद कर दें। आप चाहें तो ऑर्गनिक से 1 रुपए से 1 डॉलर कमा सकते हैं। मैं उत्तराखंड सरकार और अफसरों को आह्वान करता हूं कि इसे ऑर्गनिक राज्य बनाएं।" 

– "हमारे यहां एक कहावत है कि पहाड़ की जवानी और पहाड़ का पानी पहाड़ के काम नहीं आती। लेकिन हमने बीड़ा उठाया है कि पहाड़ की जवानी और पानी दोनों पहाड़ के काम आना चाहिए। हम चाहते हैं कि पहाड़ के पानी से बिजली बने, यह टूरिस्ट एडवेंचर के काम आए।"

कपाट खुलने बाद सबसे पहले केदारनाथ पहुंचे थे मोदी

– मोदी के दौरे को देखते हुए केदारनाथ में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। एसपीजी के अलावा उत्तराखंड पुलिस के जवानों की भी तैनाती गई है।

– बता दें कि 2013 में केदारनाथ धाम में बादल फटने के चलते करीब 6 हजार लोगों की मौत हो गई थी।

– मोदी देश के तीसरे पीएम हैं, जो इस पोस्ट पर रहते हुए केदारनाथ आए। इससे पहले इंदिरा गांधी और वीपी सिंह पीएम के तौर पर यहां आ चुके हैं।

सबसे ऊंचा ज्योतिर्लिंग है केदारनाथ

– केदारनाथ भारत के 12 ज्योतिर्लिंग में शामिल है। ये 3584 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है।

– मंदिर की स्थापना 8वीं शताब्दी में आदि शंकराचार्य ने की थी।

– मंदिर 85 फीट लंबा और 187 फीट चौड़ा है।

LoC पर जवानों के साथ दिवाली मनाने पहुंचे थे मोदी

– मोदी गुरुवार को कश्मीर में एलओसी के पास स्थित गुरेज सेक्टर पहुंचे। यहां उन्होंने जवानों के साथ दिवाली मनाई। 

– प्राइम मिनिस्टर ने जवानों को मिठाई खिलाई और कहा कि आप ही मेरा परिवार हैं। 

– मोदी के साथ आर्मी चीफ बिपिन रावत, नॉर्दर्न कमांड चीफ ले. जनरल देवराज अन्बू और चिनार कॉर्प्स के कमांडर ले. जनरल जेएस संधू भी मौजूद थे।

– जवानों के साथ दिवाली का सेलिब्रेशन करने के बाद मोदी ने ट्वीट किया, "आप लोगों (जवानों) के साथ वक्त बिताना मुझे एनर्जी देता है। हमने बातचीत की और मिठाई बांटी। मुझे जानकर खुशी हुई कि जवान रोज योग करते हैं। हमारी सेनाएं हमारी मातृभूमि की वीरता के साथ रक्षा करती हैं और समर्पण व बलिदान का प्रदर्शन करती हैं।"

Leave a Reply