बायो बबल में रहना आसान नहीं छेत्री

नई दिल्ली । क्रिकेटरों के बाद अब भारतीय फुटबॉल टीम के कप्तान सुनील छेत्री ने भी कहा कि बायो-बबल (जैव सुरक्षित) में रहना आसान नहीं है हालांकि इसके लिए हर जरूरी चीज कर रहे है। छेत्री की टीम पिछले तीन सप्ताह से गोवा में पृथकवास पर है जहां वह हर दिन दोहरे अभ्यास सत्रों में भाग लेने के अलावा किताबें पढ़ रहे है और प्रसिद्ध प्रसारक और इतिहासकार सर डेविड एटनबरो की ‘ए लाइफ ऑन अ प्लेनेट’ को देख रहे है।छेत्री ने ट्विटर पर जारी वीडियो में कहा कि  बायो-बबल के अंदर यह हमारा तीसरा सप्ताह है और मुझे यह स्वीकार करना होगा कि यह आसान नहीं है, पर कोरोना महामारी को देखते हुए यह जरूरी है।
उन्होंने कहा कि हम दिन में दो बार अभ्यास करने के साथ ही पूरी कोशिश कर रहे हैं कि टूर्नामेंट शुरू होने से पहले जितना संभव हो सके एक टीम के रूप में उतने फिट हो।देश की शीर्ष घरेलू फुटबॉल लीग (आईएसएल) के सातवें सत्र का आगाज 20 नवंबर को एटीके मोहन बागान और केरल ब्लास्टर्स के मैच से होगा। कोविड-19 के कारण इसका आयोजन बायो-बबल में होगा, जिसके सभी मैचों को गोवा के तीन स्थलों पर खेला जाएगा।छेत्री ने कहा कि अब बस 10 दिन (से भी कम समय) बचे है और मुझे पूरा भरोसा है कि आप सभी आईएसएल का उतना ही इंतजार कर रहे हैं होंगे जितना मैं और पूरी टीम कर रहे है। उन्होंने कहा कि  इन सब के बीच मैं अपने लिए कुछ समय निकालने की पूरी कोशिश कर रहा हूं। 
 

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