बिलासपुर में भूख से 10 फीट लंबे मगरमच्छ की मौत!, तीन दिन बाद मिला शव

बिलासपुर. छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के बिलासपुर (Bilaspur) जिले में एक मगरमच्छ (Crocodile) की मौत हो गई है. बिलासपुर के खारंग जलाशय खुटाघाट के खनकनिया डबरी में तीन से चार दिनों पुरानी मगरमच्छ वन विभाग रतनपुर को मृत हालत में मिला. बताया जा रहा है कि मगरमच्छ के सिर के आस-पास चोट के निशान है. मगरमच्छ को वन विभाग ने ग्रामीणों की मदद से रस्सी से बांधकर डबरी से बाहर निकाला. वन विभाग ने मगरमच्छ की मौत के कारणों का खुलासा पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद करने की बात कह रही है. पोस्टमार्टम के बाद वन विभाग की टीम ने मगरमच्छ का अंतिम संस्कार कर दिया.

10 फीट लंबा था मगरमच्छ

दरअसल, रतनपुर खारंग जलाशय के खुटाघाट डेम के रपटा के नीचे में खनकनिया डबरी स्थित है जिसमें वन विभाग को 3 से 4 दिन पुरानी मृत हालत में नर मगरमच्छ मिला है. इसके शरीर पर जगह-जगह चोट के निशान है. वन विभाग को इसकी सूचना गुरुवार शाम को ग्रामीणों के द्वारा मिली थी. वन विभाग की टीम शाम मौके पर पहुंची ,अंधेरा और डबरी काफी गहरी हो जाने के कारण मगरमच्छ को बाहर नहीं निकाला जा सका. शुक्रवार को सुबह ग्रामीण और गोताखोरों की मदद से डबरी से बाहर रस्सी से बांधकर मगरमच्छ को निकाला गया है. मगरमच्छ की उम्र करीब14 से 15 वर्ष की है जो कि 10.06 फीट का है जिसका वजन 90 से100 किलो करीब की बताई जा रही है.

पोस्टमार्टम रिपोर्ट का इंतजार

वन विभाग के अधिकारी सीआर नेताम ने बताया कि इस डबरी में दो से तीन और बड़े मगरमच्छ है जिसका मांद (बिल) भी है. शाम को दो ग्रामीण डबरी के पास से गुजर रहे थे, जिसमें एक बुजुर्ग बाल-बाल बचा है. वहीं शाम को बड़े नहर में भी एक मगर का बच्चा निकला था जो की पास के डबरी में चला गया. फिलहाल वन विभाग और पशु चिकित्सक डॉ. शशि सिंह का कहना है कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में मगरमच्छ के पेट में चारे की थैली और आत एकदम खाली पाया गया है. अनुमान लगाया जा रहा है की मगरमच्छ की मौत भूख की वजह से हुई होगी. वहीं शरीर और थूथन पर जो चोट के निशान है. वह आपसी झगड़े की वजह से होने की आशंका जताई जा रही है.
 

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