बिहार में ब्‍लैक फंगस के 9 नए मामले आए सामने, सरकार की बढ़ी चिंता

पटना । बिहार में ब्लैक फंगस के मामले लगातार सामने आ रहे हैं। पिछले तीन दिनों में ब्लैक फंगस के 9 मामले सामने आ गए हैं। रोजाना मामले सामने आने के चलते नीतीश सरकार चिंता बढ़ गई। स्‍वास्‍थ्‍य विभाग का कहना है कि कोरोना के ठीक होने के बाद दुष्प्रभाव के रूप में इस बीमारी के पटना में 3 मरीज मिले हैं। ब्लैक फंगस के 2 मरीज पटना एम्स में जबकि 1 मरीज आईजीआईएमएस में मिला है। अब लगातार मामले सामने आते जा रहे हैं। हालांकि पिछले दिनों पटना के पारस अस्पताल में भर्ती हुए ब्लैक फंगस के मरीज को ऑपरेशन से ही ठीक कर दिया गया जबकि दूसरे मरीज को दवा के जरिये ठीक किया गया।
पटना पीएमसीएच के पूर्व अधीक्षक डॉक्टर राजीव रंजन ने बताया कि यह बीमारी खासकर उन लोगों में ज्यादा देखा जाती है, जिन्हें हाल के दिनों में कोई गंभीर बीमारी हो या फिर रोगाणुओं से लड़ने की क्षमता कम हो गई हो। पिछले कुछ महीनों से कोरोना से पीड़ित होने के बाद यह बीमारी लोगों में ज्यादा देखी जा रही है। उन्‍होंने कहा कि कोरोना के कारण फेफड़े के इंफेक्शन ज्यादा हो जाने के कारण इसका असर ज्यादा होता है। वैसे लोग जिनका डायबिटीज नियंत्रण में ना हो या फिर ज्यादा स्टेरॉयड देने के कारण भी इस बीमारी से ग्रसित हो सकते है। इम्युनिटी कमजोर होने के साथ ही इस बीमारी के होने का खतरा बढ़ जाता है। ब्लैक फंगस बीमारी होने के साथ ही व्यक्ति को कई तरह के लक्षण दिखाई पड़ने लगते हैं।
विशेषज्ञ बताते हैं कि आंखों के नीचे लाल निशान पड़ना, आंखों की रोशनी कमजोर हो जाना या नाक के नीचे दर्द होना जैसे लक्षण दिखाई पड़ते हैं। इस बीमारी में सबसे पहले आंखों की रोशनी पर गहरा असर पड़ता है। इस बीमारी में बुखार, खांसी, सर दर्द जैसे लक्षण भी दिखाई पड़ते हैं। डॉक्टर राजीव रंजन बताते है कि जिसे भी कोरोना की बीमारी हो चुकी है, वो पॉजिटिव होने के बाद ठीक हो चुके है, उन्हें भी लगातार इस बीमारी को लेकर सतर्क रहना चाहिए। अपने शरीर को लगातार मॉनिटरिंग करते रहना चाहिए। कोरोना के बाद लगातार अपने शुगर लेबल को चेक करते रहना चाहिए और ज्यादा होने पर इसे अच्छी तरह कंट्रोल करने चाहिए। कोरोना के बीमारी के दौरान स्टेरॉयड का इस्तेमाल डॉक्टरी सलाह पर सतर्कता के साथ करें। अत्यधिक और स्टेरॉयड का बेजा इस्तेमाल ब्लैक फंगस को दावत दी सकती है। डॉ राजीव रंजन बताते है कि इस बीमारी में जल्द ही इलाज शुरू कर देना चाहिए। जल्द इलाज शुरू कर देने से बीमारी जल्द ठीक किया जा सकता है।

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